गर्मी ने सताया, बिजली बनी दुश्मन पारा 45 पार
सड़कों पर पानी का किया छिड़काव, आखाबीज पर आसमां रहा सूना
बीकानेर। उफ… बहुत गर्मी ऐसा वाक्य गुरुवार को लगभग हर शख्स ने कहा होगा। प्रचंड गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया और वैशाख माह में जेठ जितनी गर्मी का अहसास हुआ। बीकानेर में आज तापमान 45.2 डिग्री दर्ज किया गया है। गर्मी के साथ-साथ दोपहर से लेकर शाम तक बिजली का आना-जाना बना रहा जिससे घर में भी गर्मी से राहत नहीं मिल रही थी और बाहर निकले तो तेज धूप डरा रही थी।
आखाबीज होने के कारण पतंगबाजी पर भी गर्मी के अंगारों का असर दिखा। चौक-चौराहों पर सन्नाटा दिखा। सुबह-सुबह कुछ पतंगें आसमान में जरूर दिखी लेकिन दोपहर होने से पहले ही वह भी बंद हो गई। महापौर के निर्देशों पर नगर निगम ने शहर के व्यस्ततम बाजारों और मुख्य मार्गों पीबीएम रोड, केईएम रोड, रानी बाजार, जूनागढ़, स्टेशन रोड, जस्सूसर गेट रोड पर पानी का छिड़काव करवाया गया।
सेहत के लिहाज से चुनौतीपूर्ण है मौसम : डॉ. मुकेश वाल्मिकी
मई का यह मौसम देश में भीषण गर्मी के प्रकोप वाला माना जाता है। लगातार बढ़ते पारा और लू के इस मौसम को सेहत के लिहाज से काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता है। गंगाशहर सेटेलाइट अस्पताल के अधीक्षक एवं बीकानेर के जाने-माने चिकित्सक डॉ. मुकेश वाल्मिकी ने बताया कि तेज धूप और लू से बचाव करके आप इस मौसम में होने वाली कई बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं। फूड पॉइजनिंग, डिहाइड्रेशन के मरीज सामने आ रहे हैं। गर्मी के दिनों में बढ़े तापमान के कारण भोजन पर बैक्टीरिया, वायरस, विषाक्त पदार्थ तेजी से पनपने लगते हैं जो शरीर में प्रवेश करने के बाद पेट दर्द, मतली, दस्त या उल्टी जैसी समस्याओं का कारण बनते हैं। इससे बचाव के लिए बासी भोजन, या ऐसे किसी भी चीज को खाने से बचें जो पुरानी हो या फिर जिसमें अस्वच्छ दिख रही हो। डॉ. वाल्मिकी ने बताया कि डिहाइड्रेशन यानी की शरीर में पानी की कमी होना एक आम समस्या है। गर्मियों के दौरान हम पसीने के रूप में शरीर से बहुत सारा पानी खो देते हैं, इसी अनुपात में अगर पानी न पिया जाए तो शरीर में इसकी कमी हो सकता है। इससे कमजोरी, थकान, रक्तचाप की समस्या, बुखार जैसी दिक्कतें हो जाती हैं। इसके लिए नींबू की शिकंजी, छाछ, इमली का पानी आदि का सेवन अवश्य करें। सूरज की तेज किरण और बढ़ती गर्मी के कारण आंखों से संबंधित समस्याओं का होना काफी सामान्य है। इस मौसम में लोगों को आंखों में एलर्जी, लालिमा, जलन और चुभन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। धूप से बचाने वाले चश्मों को प्रयोग में लाने और आंखों की साफ-सफाई और उन्हें आराम देने पर ध्यान देना चाहिए।