ज्ञानवापी की गुंबद में मिलीं कई डिजाइनें, मंदिर शैली के 20 से ज्यादा आले भी मिले, दीवारों की 3-डी फोटोग्राफी हुई
ज्ञानवापी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (्रस्ढ्ढ) का चौथे दिन का सर्वे पूरा हो गया। एएसआई ने रविवार सुबह सबसे पहले मुस्लिम पक्ष से चाबी लेकर व्यास तहखाने का ताला खुलवाया। सफाई करवाई और एग्जॉस्ट लगवाए। इसके बाद सर्वे शुरू किया। ज्ञानवापी के तीनों गुंबदों और परिसर का सर्वे हुआ। एएसआई ने व्यास तहखाने में पैमाइश की। दीवारों की 3-डी फोटोग्राफी, स्कैनिंग करवाई। चार्ट में दीवारों पर मिली कलाकृतियों के पॉइंट्स नोट किए। कानपुर आईआईटी के दो जीपीआर एक्सपर्ट भी सर्वे टीम के साथ थे। टीम ने 12.30 बजे लंच और नमाज के लिए ब्रेक लिया। 2.30 बजे से दोबारा सर्वे शुरू किया गया। इसके बाद शाम 5 बजे तक सर्वे का काम हुआ।
मुस्लिम पक्ष ने जल्द ही मुख्य तहखाने की चाबी देने की बात कही है। टीम को गुंबदों के सर्वे के दौरान गोलाकार छत में कई डिजाइनें मिली हैं। हॉल में ही तीनों गुंबद सीलिंग में टीम को कई डिजाइनें दिखीं। इनकी एक-एक करके फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई गई। इस हॉल में अब तक मंदिरों में दिखने वाले 20 से अधिक आले (दीवार में बनी अलमारी, इसे पूर्वांचल में ताखे कहते हैं) भी दिखे हैं। आलों की संरचना और उनके आसपास उभरे चिह्नों की 3-डी मैपिंग भी हुई। हिंदू पक्ष ने कहा कि हम आगे बढ़ रहे हैं।
गुंबद के पूरे सर्वे में अभी समय लगेगा, मगर सीलिंग की डिजाइन ने हमारा उत्साह बढ़ा दिया है। पूरी ज्ञानवापी बिल्डिंग को एक बार में देखने के लिए सैटेलाइट के जरिए 3डी इमैजिनेशन तैयार किया जा रहा है। रविवार को एएसआई से 58 लोग, हिंदू पक्ष से 8 लोग और मुस्लिम पक्ष से 3 लोग मौजूद हैं। जिला कोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई। अजय कुमार विश्वेश की अदालत ने आदेश दिया कि सर्वे रिपोर्ट 2 सितंबर तक सब्मिट करनी होगी।