गुरु मंदिर मिनी मांडोली की भव्य प्रतिष्ठा 11 फरवरी को, गुरुवार को हुई कलश व दीपक की स्थापना
बीकानेर। गंगाशहर में गोल मंदिर से पहले 11 फरवरी 2024, रविवार को आचार्य भगवंत श्री विजय शांति सूरीश्वरजी महाराज के गुरु मंदिर मिनी मांडोली का प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाएगा। इसी क्रम में आज गुरुवार को मूर्तियों को गर्भगृह में प्रवेश करवाया गया। शांतिदेवी सिपानी, सरोजदेवी सिपानी एवं लीलमचंद सिपानी द्वारा शांति स्नात्र पूजा, कलश स्थापना व दीपक स्थापना की गई। इस दौरान ऋषभ सेठिया, मनोज कोचर, जीतू भंसाली, पारस गुलगुलिया, मनीष मालू, नारायणजी पिंडवाड़ा, कन्हैयालाल गोयली सोनावत, नरपत खजांची, वीरेन्द्र बोथरा, जसवंत खजांची, वंश सिपानी व अर्हम सिपानी उपस्थित रहे।
आयोजन से जुड़े मनीष सिपानी ने बताया कि मिनी मांडोली यानि जालौर जिले के मांडोली में गुरु मंदिर जैसा स्वरूप तैयार किया गया है। श्री हनुमानदास पन्नालाल सिपानी परिवार एवं रिद्धकरण सूरजदेवी सिपानी चैरिटेबल ट्रस्ट के संयोजन में विगत दो वर्षों से मंदिर निर्माण जारी रहा। अब शुभ घड़ी आई है जब मंगल प्रतिष्ठा का आयोजन होगा। मंदिर में श्री विजय शांति सूरिश्वरजी महाराज की मूर्ति स्थापित होगी। जयपुर के प्रमुख शिल्पियों द्वारा शांति गुरुदेव की तीन प्रतिमाओं के साथ देवी पद्मावती, सरस्वती माता आदि की प्रतिमाओं के साथ दादा गुरुदेव, शांति गुरुदेव के तीन पगलियों को मूर्त रूप दिया है। शांतिगुरु देव की मुख्य प्रतिमा 31 ईंच की व दो अन्य प्रतिमाएं 27-27 इंच की होगी।
आयोजन से जुड़े राजकमल सिपानी ने बताया कि कार्यक्रम में पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय वल्लसूरीश्वरजी महाराज सा. के समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति श्रीमद् विजय नित्यानंदसूरीश्वरजी म.सा. एवं पू.साध्वी श्री पूर्णप्रज्ञाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की सत्प्रेरणा व शुभनिश्रा रहेगी। अहमदाबाद के कल्पेशभाई पंडित विधिकारक होंगे।
यह होंगे आयोजन
आयोजन से जुड़े गौतम सिपानी ने बताया कि तीन दिवसीय इस आयोजन में 10 फरवरी शनिवार को कुम्भ स्थापना, दीपक स्थापना, क्षेत्रपाल पूजन, देवीपट्ट पूजन, गुरुमूर्ति एवं देव-देवी प्रतिमाओं के अभिषेक होंगे तथा शाम 7:30 बजे गुरु भक्त पिंटू स्वामी द्वारा भक्ति संध्या में भजनों की प्रस्तुतियां दी जाएगी। इसी क्रम में 11 फरवरी, रविवार को प्रात: 8:30 बजे श्री शांति जिन पूजन, प्रात: 9:00 बजे भव्य धर्मसभा एवं 11:30 बजे तेरापंथ भवन में साधर्मिक वात्सल्य का आयोजन होगा। तीसरे दिवस 12 फरवरी सोमवार को प्रात: 9:30 बजे श्री शांति गुरुदेव का पूजन किया जाएगा।
धार्मिक कार्यों में अग्रणी रहता है सिपानी परिवार
मुख्य मार्ग पर बेशकीमती जमीन होने पर हर व्यक्ति उस पर बड़ा बिजनेस कर खूब रुपए कमाने की सोचता है, लेकिन हनुमानदास पन्नालाल सिपानी परिवार के लीलम सिपानी ने धनोपार्जन के बजाय धर्म उपार्जन का कार्य किया। गौरतलब है कि लीलम सिपानी धार्मिक कार्यों में सदैव अग्रणी रहते हैं तथा शांति गुरुदेव के प्रति अनन्य आस्था रखते हैं। धर्मनिष्ठ लीलम सिपानी ने बताया कि उनका मानस था कि मांडोली धाम जैसा मिनी मांडोली धाम बीकानेर में भी बने और श्रद्धालुओं को शांति गुरुदेव की भक्ति का अवसर मिले और लगातार दो वर्ष निर्माण कार्य करवा कर आज यह स्वप्न साकार हुआ है। भामाशाह लीलम सिपानी ने बताया कि 30 गुणा 70 वर्ग फीट में शांति गुरुदेव के प्रमुख तीर्थ व धर्म स्थल मांडोली के जैसा हुबहू निर्माण कार्य मिनी मांडोली में किया गया है। मंदिर में पिंडवाड़ा, सिरोही के नारायणजी व कन्हैयालाल सोमपुरा मंदिर में जैन शिल्प शैली के अनुसार उदयपुर के अगरिया खानों के सफेद संगमरमर को मूर्त रूप देकर प्रतिष्ठित करने लगे है। मंदिर के पास ही 600 गज भूमि में धर्मशाला का निर्माण करवाया जा रहा है इसमें ठहरने के कमरे, रसोई, स्नानघर व अन्य सुविधाएं रहेगी।