गुंडे ने कांस्टेबल को गोली मारी, लेकिन पुलिस ने फर्ज निभाया उसे मॉब लिंचिंग से बचाया और जिंदा पकड़ा

भीड़ कांस्टेबल रमेश को उकसा रही थी पैर में गोली मारने के लिए, लेकिन रमेश ने आपा नहीं खोया
सुजानगढ़। चूरू जिले का सुजानगढ़ कस्बे में कल शाम जेडीजे ज्वैलर्स के यहां फायरिंग हुई और इस फायरिंग में ज्वैलर और शोरुम में बैठे लोग बाल बाल बचे। बताया जा रहा है कि एक महीने पहले लॉरेंस के खास आदमी रोहित गोदारा ने ज्वैलर से दो करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी थी। रंगदारी नहीं देने पर अब फायरिंग कर दी गई। फायरिंग के दौरान पुलिसकर्मी रमेश मीणा के गोली लगी। लेकिन रमेश और बाजार के लोगों ने एक बदमाश को पकड़ ही लिया।
कांस्टेबल रमेश मीणा ने अपनी जान की परवाह नहीं की और एक बदमाश को पकड़ा जबकि उस बदमाश ने रमेश के ही हाथ पर गोली मार दी थी। पीडि़त पवन सोनी ने पुलिस को बताया कि एक महीने पहले रोहित गोदारा के नाम से धमकी मिली थी और दो करोड़ मांगे गए थे। पुलिस अफसरों ने बताया कि रमेश ने ना सिर्फ अपनी जान पर खेलकर खुद की जान बचाई ऊपर से बदमाश को भी बचाया। भीड़ उसकी जान लेने पर तुली हुई थी। लेकिन रमेश ने दिमाग को काबू में रखा। आपको बता दें सुजानगढ़ शहर के मुख्य बाजार गांधी चौक स्थित जेडीजे ज्वेलर्स पर 26 अप्रैल की शाम को 4:26 बजे फायरिंग की घटना हुई थी। 3 बदमाशों ने ताबड़तोड़ करीब 15 गोलियां चलाईं।

गोलियां चलने पर शोरूम का स्टाफ और वहां मौजूद कस्टमर काउंटर के पास नीचे लेट गए। ज्वेलर की सुरक्षा में तैनात पुलिस कॉन्स्टेबल रमेश ने जवाबी फायरिंग की। इससे व्यापारी सहित एक दर्जन लोगों की जान बच गई, लेकिन एक गोली कॉन्स्टेबल के हाथ में लगी। इधर फायरिंग के बाद भाग रहे एक बदमाश तेजपाल मेघवाल (22) निवासी लोढ़सर को बाजार के ही लोगों ने दबोच लिया। आरोपी ने पिस्टल दिखाकर लोगों को डराने का प्रयास किया, लेकिन लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए उसे पकड़ लिया था। फायरिंग में बदमाशों की एक गोली ज्वेलर की सुरक्षा में तैनात कॉन्स्टेबल रमेश के हाथ पर लगी। रमेश का हाथ बुरी तरह से जख्मी हो गया था और लगातार खून बह रहा था। इसके बावजूद रमेश ने आरोपी तेजपाल को भीड़ के चंगुल से निकाला। आक्रोशित लोग कॉन्स्टेबल को बदमाश को गोली मारने के लिए कह रहे थे, लेकिन रमेश ने आपा नहीं खोया। रमेश का हाथ जख्मी था, फिर भी भीड़ के चंगुल से सुरक्षित जगह ले जाकर बैठाया।

रमेश को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन का मिला ईनाम
घायल कॉन्स्टेबल रमेश मीणा को बगडिय़ा अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। गोली रमेश के बाजू की चमड़ी को चीरते हुए निकल गई थी। करीब 1 घंटे इलाज के बाद रमेश को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। कॉन्स्टेबल रमेश की बहादुरी पर डीजीपी उमेश मिश्रा ने उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने की घोषणा की है। रमेश मीणा चूरू जिले के कुशालपुरा गांव का रहने वाला है और साल 2011 में राजस्थान पुलिस में जॉइनिंग हुई थी।