कर्ज से छुटकारा दिलाता है भोम प्रदोष

जब मंगलवार के दिन प्रदोष तिथि का योग बनता है, तब यह व्रत रखा जाता है। यह व्रत हर तरह के कर्ज से छुटकारा दिलाता है। मंगल ग्रह की शांति के लिए इस दिन व्रत रखकर शाम के समय हनुमान और भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है। शिव स्तोत्र, मंगल स्तोत्र, हनुमान चालीसा, रुद्रा अष्टाध्यायी पाठ करें जिससे समस्त प्रकार के कष्टों का निवारण और ऐश्वर्य की वृद्धि होगी।
भौम प्रदोष व्रत की विधि
प्रदोष व्रत के दिन भगवान की आराधना करने से पहले सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर स्वच्छ जल से स्नान करें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शिवलिंग का जल, दूध और गंगाजल से अभिषेक करें। लाल रंग के पुष्प और बेलपत्र चढ़ाएं। ऊं नम: शिवाय और मंगल ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें। जरूरतमंद लोगों को दान-पुण्य करें। संध्या काल में शिव मंदिर जाकर भगवान शिव की आराधना करें।
मंगल दोष से मिलती है मुक्ति
भौम प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती है। राशि अनुसार दान-पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। महादेव की कृपा से सभी बाधाएं दूर होती हैं और मंगल दोष से मुक्ति मिलती है।
