गीतासार फाउंडेशन ने निकाली वॉकथॉन : सैकड़ों ने लगाई दौड़, शिक्षा में क्रांति का दिया संदेश

शिक्षा में संस्कारों का समावेश जरूरी : मदन दिलावर
बीकानेर। गीतासार फाउंडेशन की ओर से 24 अप्रेल 2025 को तीन किमी की वॉकथॉन का निकाली गई। आयोजन से जुड़ी एडवोकेट एवं कंपनी सेक्रेट्री पूजा ओझा ने बताया कि यह वॉकथॉन उन लोगों के लिए है, जिनमें सीखने की तीव्र इच्छा है तथा किसी भी आयु वर्ग का कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है। इस वॉकथॉन का उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने के लिए जागरूकता फैलाना है। यह वॉकथॉन रेलवे स्पोर्ट्स ग्राउंड से शुरू होकर तुलसी सर्किल, भ्रमण पथ, पीबीएम हॉस्पिटल, मेजर पूर्णसिंह सर्किल से होते हुए वापस रेलवे ग्राउंड पहुंची। वॉकथॉन पश्चात् सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि शिक्षा में संस्कारों का समावेश होना जरूरी है। संस्कार परिवार, विद्यालय और अच्छी संगत से मिलते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे लोगों की संगत से संस्कारों का उन्नयन अन्यथा संस्कारों का हृास होता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रत्येक नागरिक के मन में देश के प्रति श्रद्धा, भक्ति और सम्मान का भाव होना चाहिए, तभी व्यक्ति श्रेष्ठ नागरिक बन सकेगा।
सभा को सम्बोधित करते हुए विधायक जेठानन्द व्यास ने कहा कि पिछले डेढ वर्षों में प्रदेश में शैक्षणिक व्यवस्थाओं में आमूलचूल सुधार हुआ है। शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नवाचार विद्यार्थियों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रहे हैं। विधायक सिद्धि कुमारी ने कहा कि विद्यार्थियों को हुनरमंद शिक्षा भी मिलनी जरूरी है। खेेल प्रतिस्पर्धाओं से विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ता है तथा टीम भाव का विकास होता है। शिक्षा मंत्री दिलावर ने वॉकथॉन में भाग लेने वाले बच्चों सहित सभी प्रतिभागियों को पॉलीथीन उत्पादों के बहिष्कार की शपथ दिलाई और प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में बताया। उन्होंने वॉकथॉन में राम, कैलाश और तरुण तंवर को संयुक्त प्रथम, राजा संतोष और निधि कच्छावा को संयुक्त द्वितीय तथा महेश, निरमा और रामकिशन मूंड को संयुक्त तीसरे स्थान पर रहने पर पुरस्कृत किया। वॉकथॉन की शुरूआत मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी महेन्द्र शर्मा तथा गृह विज्ञान महाविद्यालय अधिष्ठाता प्रो. विमला डुकवाल ने हरी झंडी दिखाकर की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. चंद्रशेखर श्रीमाली किया। इस दौरान प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक श्री सीताराम जाट, अतिरिक्त निदेशक श्री गोपाल राम बिरडा, डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, बनवारी शर्मा, रामकुमार पुरोहित, स्काउट सीओ जसवंत राजपुरोहित सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी मौजूद रहे।
शिक्षा तनाव मुक्त और सुलभ हो : पूजा ओझा
गीतासार की फाउंडर पूजा ओझा ने बताया कि कहा कि शिक्षा तनाव मुक्त और सुलभ होनी चाहिए तथा हमें अपने युवाओं को कौशल प्रदान कर उन्हें मजबूत और दृढ़ स्थिति में लाना चाहिए, जिससे वे न केवल सफलता प्राप्त करें, बल्कि जीवन में समृद्ध भी हों। एडवोकेट पूजा ओझा ने बताया कि गीतासार एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसका एकमात्र उद्देश्य शिक्षा को हर व्यक्ति तक पहुँचाना और गाँवों सहित हर कोने तक पहुँचाना है। गीतासार केवल आज के लिए शिक्षा का स्थान नहीं है, बल्कि यह पीढिय़ों तक सुलभ शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित एक शाश्वत स्तंभ है। गीतासार के माध्यम से हम शैक्षणिक अंतराल को दूर करेंगे और समग्र विकास को प्रोत्साहित करेंगे, तथा दीर्घकालिक परिवर्तन की आशा करेंगे। आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तीकरण की दृष्टि से, हम एक ऐसा भविष्य बनाने की आकांक्षा रखते हैं जिसमें सूचना, कौशल और आत्मविश्वास सफलता को आगे बढ़ाए, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्तियों और समुदायों दोनों के लिए बेहतर कल हो।

इनका रहा सान्निध्य
जितेन्द्र ओझा, आंचल ओझा, दीपक शर्मा, गौरी ओझा, पंकज पंचारिया, सूरज सारस्वत, रोहित ओझा, आकाश ओझा, गौरव छंगानी, ऋषभ, धनंजय, गोपाल ओझा, भावना ओझा, गौतम, कुनाल, स्वाति राठी, आशीष ओझा, प्रेरक शर्मा, अथर्व भाले, तरुण ओझा, भाग्यश्री ओझा, अमित ओझा, रोहित, साई कृषक सेवा आदि की सहभागिता रही। गणेश ओझा, बजरंगलाल ओझा, महावीर ओझा, नवरत्न ओझा, गोविन्द ओझा, कैलाश ओझा, सुभाष ओझा, वासुदेव ओझा, रवि ओझा एवं प्रकाश सारस्वत, कन्हैयालाल सारस्वत, हरिनारायण ओझा आदि का सान्निध्य रहा।