होलाष्टक से होलिका दहन तक की सम्पूर्ण जानकारी, उपाय ऐसे जो दिलाएंगे निश्चित सफलता
बीकानेर। होली आनंद व उल्लास का त्यौहार है। हमारे हिंदू धर्म मे चार रात्रियों को विशेष माना गया है जिसमें दीपावली, शिवरात्रि, जन्माष्टमी और होलिका दहन की रात्रि को महत्व दिया गया है। ये सब रात ऐसी हंै जिसमें आप अपने सोये हुए भाग्य को जगा सकते हैं। पं. गिरधारी सूरा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार जो धार्मिक व्यक्ति कर्मकांड व तंत्र विधा में रुचि रखते हैं उनके लिए यह रात्रि विशेष फलदायी मानी गयी है। अपने इष्ट, कुलदेवी, कुलदेवता या गुरु मंत्र का जाप, साधना करें। फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा के दिन तक होलाष्टक होता है जिनमें कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है। उक्त जानकारी देते हुए पं. गिरधारी सूरा (पुरोहित) ने बताया कि होलाष्टक की शुरुआत होली से आठ दिन पहले होती है। इस बार होलाष्टक 27 फरवरी को सूर्योदय से होलाष्टक शुरू होंगे और पूर्णिमा के दिन होलिका दहन के बाद खत्म होंगे।
माला घोलाई व होलिका दहन का समय
पं. गिरधारी सूरा ने बताया कि माला घोलाई 6 मार्च 2023 को सूर्योदय से लेकर शाम 4 बजे से पहले कर सकते हैं। हिंदू पुराणो के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा की रात्रि को भद्रा रहित प्रदोष काल में होलिका दहन करना चाहिए। होलिका दहन का मुहूर्त निर्णय सागर पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष चतुर्दशी सोमवार तारीख 6 मार्च 2023 को सायं प्रदोष वेला में 6 बजकर 38 मिनट से रात्रि 9 बजकर 6 मिनट तक होलिका दहन करना सर्वश्रेष्ठ है।
पं. गिरधारी (पुरोहित) सूरा- 9950215052
छोटे उपाय करते बड़ी समस्या का समाधान
बुरी नजर, भूत-प्रेत, तंत्र-मंत्र से बचने के लिए एक मुट्ठी काले तिल, सात काली मिर्च, सात लौंग, कर्पूर, नारियल लेकर बच्चे या बड़े के ऊपर से 21 बार घुमाकर जलती होलिका में डाल दें।
अटका धन, पैसा प्राप्ति, नौकरी, व्यापार में वृद्धि के लिए एक खोपरा ले उसको ऊपर से काटकर उसमें शक्कर, खोपरा बुरा, एक इलायची, शहद, बतासा डालकर उसको बंद कर व्यापार, घर या अपने ऊपर 11 बार घुमाकर होलिका में डाल दें।
जिसकी शादी नहीं हो रही हो उसे एक पान के पत्ते पर साबुत हल्दी, सफेद तिल, केसर, इत्र लेकर अपने ऊपर घुमाकर होलिका दहन में डाल दें और तीन परिक्रमा निकालते हुए शादी की प्रार्थना करें।
बीमारी, असाध्य रोग, पीड़ा व शत्रु निवारण के लिए पीली सरसों, साबुत नमक, निम्बू, जौ लेकर पीडि़त व्यक्ति के हाथ से या उसके ऊपर 21 बार घुमाकर होलिका में डाल दें। मानसिक चिंता, डिप्रेशन को दूर करने के लिए धूप, काला उड़द, लौंग, कर्पूर को अपने हाथ से जलती होलिका में विसर्जन कर दें।
राशि अनुसार करें उपाय
राशि के अनुसार होली में गुलाल और कुछ विशेष उपाय का प्रयोग करे जिससे कुंडली में ग्रह होंगे मजबूत और मिलेगी सफलता।
मेष, सिंह और वृश्चिक राशि वाले लाल गुलाल का प्रयोग करे और लाल गुंजा, लाल चंदन, लाल मिर्च, गुड़ लेकर अपने सिर के ऊपर सात बार घुमाकर होलिका में डाल दें। वृष, कर्क और तुला राशि वाले सफेद, गुलाबी, चमकीली गुलाल में इत्र मिलाकर दूसरों को लगाए और बतासे मखाना, सफेद मिठाई अपने ऊपर घुमाकर होलिका में डाल दें।
ह्व मिथुन और कन्या राशि वाले हरी गुलाल का उपयोग करें। साथ ही पान का पत्ता लेकर उसके ऊपर गोमती चक्र रखकर अपने ऊपर घुमाकर होलिका में डाल दें। धनु व मीन राशि वाले पीली केसरिया गुलाल लेकर दान करें या किसी मिलने वालों को लगाएं और जौ, साबुत हल्दी, पीली सरसों इन तीनों को एक सूखे गट में डालकर अपने ऊपर सात बार घुमाकर जलती होलिका में डाल दें। मकर व कुंभ राशि वाले नीली, बैंगनी व काली गुलाल का दान करें या किसी को लगाए और होलिका की राख से अपने और दूसरों के तिलक लगाएं। काली मिर्च, राई, लौंग, नारियल अपने ऊपर घुमाकर होलिका में डाल दें।
होलाष्टक पर इन बातों का रखें ध्यान
पं. गिरधारी सूरा ने बताया कि होलाष्टक के दौरान मुंडन, विवाह, नामकरण, अन्नप्राशन सहित 16 संस्कारों में से कोई भी इन 8 दिनों के बीच नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही नया वाहन, नया व्यवसाय न खरीदें और न ही होलाष्टक के दौरान किसी मकान या प्लॉट की रजिस्ट्री भी न कराएं। मकान बनवाने का काम अगर आप होलाष्टक से पहले से करते आ रहे हैं, तो इसे जारी रहने दें, लेकिन इसकी शुरुआत होलाष्टक से नहीं करनी चाहिए ।