पहले दिन 25 किमी चले पायलट, कहा- मुझ पर और मेरे नजदीकियों पर अब लगेंगे घटिया आरोप
जयपुर। सचिन पायलट ने एक महीने पहले अपनी सरकार के खिलाफ जयपुर में अनशन भी किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के भ्रष्टाचारों की जांच नहीं की जा रही है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट एक महीने में दूसरी बार अपनी ही सरकार के खिलाफ मैदान में उतरे हैं। उनकी जनसंघर्ष यात्रा अजमेर से जयपुर चल पड़ी है। वह पेपर लीक मुद्दे और करप्शन के खिलाफ पांच दिन की पदयात्रा निकाल रहे हैं। पायलट आज 25 किलोमीटर चले। आज की यात्रा तोलामल गांव बस स्टैंड पर खत्म हुई। पहले दिन की यात्रा के समापन पर पायलट ने विरोधियों पर निशाना साधा। कहा- अभी तो आरोपों की शुरुआत हुई है। मुझ पर अभी तो कई निचले दर्जे के आरोप लगाए जाएंगे। मेरे साथियों और नजदीकियों के ऊपर भी कई घटिया स्तर के आरोप लगेंगे। मेरे परिवार की राजनीति को आप सब जानते हैं, मेरे विरोधी भी हमारे पर कोई उंगली नहीं उठा सकते।
मैंने हमेशा राजनीतिक शिष्टाचार का पालन किया है और मैंने कभी ओछी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। इससे पहले अजमेर में जनसभा में उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में करप्शन के मुद्दे पर वसुंधरा राजे को हमने ललकारा था, उसके बाद कांग्रेस सत्ता में आई। सचिन आज सुबह ट्रेन से अजमेर पहुंचे थे। रेलवे स्टेशन पर उन्होंने कहा कि ये जनसंघर्ष यात्रा जनता के बीच जाने और उनकी बात सुनने की यात्रा है। पायलट की जनसंघर्ष यात्रा के पोस्टर में राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा के फोटो नहीं हैं। पोस्टर में सिर्फ सोनिया गांधी का फोटो है। जनसभा में पायलट ने कहा कि राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन में पेपर लीक हुए। नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया। सचिन पायलट की यात्रा को लेकर कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्ल्किार्जुन खडग़े को रिपोर्ट देंगे। कल दिल्ली में कांग्रेस प्रभारी रंधावा ने बैठक बुलाई है जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा और तीनों सहप्रभारी सचिव रहेंगे। इस बैठक में पायलट मामले पर चर्चा होगी। डोटासरा से भी रंधावा ने पायलट को लेकर चर्चा की है। रंधावा पायलट मामले पर लगातार चुप्पी साधे हुए हैं।
कर्नाटक में 40 प्रतिशत की सरकार थी, इसलिए भाजपा की विदाई तय है। इससे पूर्व सचिन जब सभा में पहुंचे तो उनका पुष्कर के पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्वागत किया। जनसभा और पदयात्रा में पायलट खेमे के विधायक शामिल नहीं हैं। पिछले महीने जयपुर में हुए अनशन में भी ये विधायक शामिल नहीं हुए थे। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पायलट की यात्रा पर कहा-यह संगठन की यात्रा नहीं है। यह उनकी व्यक्तिगत यात्रा है। संगठन की यात्रा वही है, जिसमें हाथ का निशान, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, राहुल गांधी, सोनिया गांधी की फोटो हो। यात्रा को लेकर एआईसीसी और प्रदेश संगठन की मंजूरी नहीं ली है। एआईसीसी क्या एक्शन लेती है वह एआईसीसी जाने।
पदयात्रा से इन 35 सीटों पर हो सकता है बड़ा उलटफेर
विधानसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट की यह पद यात्रा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गेम बिगाड़ती हुई नजर आ रही है। यह अलग बात है कि सचिन पायलट ने कहा है कि यह जनता के मुददे हैं और इन मुददों के लिए लडऩा चाहिए लेकिन किससे। अपनी ही सरकार से और फिर अगर अपनी ही सरकार से लड़ाई है तो फिर रार तो तय है। धौलपुर के मंच से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की छेड़ी लड़ाई को पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भरी दुपहरी में सड़क पर उतार दिया है। ऐसे में सियासत में गर्मी तो होगी ही होगी। इसकी तपन से कुछ हो न हो कांग्रेस का झुलसना तय है। सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा अजमेर में सीधा नुकसान करती दिख रही है। सचिन पायलट के प्रभावा वाले नसीराबाद, मसूदा, पुष्कर, ब्यावर, केकड़ी और किशनगढ़ में कांग्रेस को झटका लग सकता है। गुर्जर बाहुल्य नसीराबाद और मसूदा में पायलट की नाराजगी का असर सबसे ज्यादा हो सकता है। 12 जिलों में ये हैं 35 सीटों भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, जयपुर, टोंक, दौसा, कोटा, भीलवाड़ा, बूंदी, अजमेर और झुंझुनूं में गुर्जर बाहुल्य इलाका है और इसमें सचिन पायलट का अच्छा खासा दखल है। यहां 12 प्रत्याशी उतारे थे सात विधानसभा पहुंच गए थे।