बोझ ढोने वाले पशुओं से दोपहर में तीन घंटे काम करवाने पर रोक… पढ़ें पूरी खबर
बोझ ढोने वाले पशुओं को अब पशु मालिक अगर दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक काम में लेते हैं तो उन्हें तीन माह का कारावास भुगतान पड़ सकता है। जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। आदेशों की पालना करवाने का काम जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी का होगा। मौसम में हुए बदलाव से अब गर्मी पडऩे लगी है और तापमान भी बढ़ रहा है। प्रदेश के कई इलाकों में तो तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पंहुच गया है। जैसे जैसे पारा चढ़ रहा है वैसे वैसे बोझ ढोने वाले पशुओं जैसे घोड़ा, गधा,खच्चर, बैल और भैंस इत्यादि को बोझा ढोने से अनावश्यक पीड़ा, हीट स्ट्रोक और अकाल मृत्यु होने की संभावना बढ़ गई है।
जिसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। यह कहता है अधिनियम पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 3 के अनुसार किसी पशु को पालने वाले व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह उस पशु के कल्याण के लिए ऐसे उपाय सुनिश्चित करें जिससे उसे अनावश्यक पीड़ा और यातना ना झेलनी पड़े। इसी प्रकार परिवहन और कृषि पशुओं पर क्रूरता निवारण नियम 1965 के नियम 6 का उपनियम 3 के अनुसार जिन क्षेत्रों में तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहता है वहां दोपहर को 12 से 3 बजे के बीच पशु को उपयोग में लेना इस अधिनियम व नियम के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। इसी अधिनियम की पालना में यह आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही पशु मालिक को पशुओं के लिए भोजन, पानी और छाया की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के प्रतिनिधि और एडवोकेट मनीष सक्सेना ने राजस्थान राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड से यह निर्देश जारी करवाए हैं।
गर्मी में पारा लगातार बढ़ रहा है ऐसे में बोझा ढोने वाले पशुओं में भी हीट स्ट्रोक की संभावना बढ़ रही है। जिसे देखते हुए दोपहर में 12 बजे से तीन बजे तक पशुओं से काम लेने पर रोक लगवाने के निर्देश दिए गए हैं।