चिकित्सकों ने मिठाई और एनएसयूआई ने गुलाब के फूल देकर लगाए नारे…. बीच में पहुंची पुलिस
बीकानेर। आरटीएच बिल पर चिकित्सकों व एनएसयूआई ने एक दूसरे के समक्ष नारेबाजी की। हालांकि मामला ज्यादा गंभीर तो नहीं हुआ लेकिन दोनों तरफ से नारेबाजी कुछ आक्रमक जरूर रही। इस बीच पुलिस पहुंची और स्थिति को कंट्रोल में किया। राइट-टू-हेल्थ बिल के विरोध निजी अस्पतालों के चिकित्सकों द्वारा चल रहे आंदोलन में शनिवार को एनएसयूआई के सदस्यों ने चिकित्सकों को गुलाब का फूल भेंट कर आरटीएच बिल के समर्थन में इस धरने को समाप्त करने का आग्रह किया। जवाब में चिकित्सकों ने छात्रों को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करवाया और कहा कि वे यहां से जाए तो कड़वाहट लेकर नहीं जाए और उनकी बात व मांग को सरकार तक पहुंचाने का काम करे।
चिकित्सकों ने बताया कि जो छात्र हमारे पास आये, हमने मुंह मीठा करवाया और कहा कि हमारे प्रति कड़वाहट न रखें और अपील करते है वे अपने शीर्ष नेतृत्व के पास जाएं और हमारी मांगें बतायें। चिकित्सकों ने कहा कि आज से निजी अस्पतालों में सरकार की सभी योजनाओं में काम करना बंद कर दिया है। इस संबंध में सीमएचओ के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा आगामी चार अप्रैल को पूरे राजस्थान में निजी अस्पताल सरकारी योजना का बहिष्कार करेंगे।
शनिवार को एनएसयूआई के पूर्व जि़लाध्यक्ष रामनिवास कुकणा के नेतृत्व में आरटीएच के पक्ष में छात्रों ने राजकीय डूंगर महाविद्यालय से पैदल चलकर बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के सामने आरटीएच बिल के विरोध में धरने पर बैठे निजी अस्पताल के चिकित्सकों को गुलाब के फूल देकर धरना समाप्त करने का आग्रह किया। एनएसयूआई के पूर्व जि़लाध्यक्ष रामनिवास कुकणा ने कहा कि चिकित्सा का अधिकार बिल प्रदेश के आमजन के लिए एक संजीवनी है लेकिन निजी अस्पतालों के चिकित्सक झूठा भ्रम फैलाकर इस बिल का विरोध कर रहे है इसलिए केवल निजी हितों को छोड़कर प्रदेश के आमजन की भावना को ध्यान में रखे इस हेतु गुलाब के फूल देकर धरना समाप्त करने का आग्रह किया।
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कृष्णकुमार गोदारा ने कहा कि चिकित्सा का अधिकार बिल के आने से एक ओर आमजन में ख़ुशी का माहौल है परन्तु निजी अस्पतालों के चिकित्सक इस बिल का विरोध कर रहे है जो आमजन की भावना के पूर्णत: विरोध में है। छात्रसंघ अध्यक्ष हरिराम गोदारा ने कहा कि प्रदेश की सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक क्रांति के उद्देश्य से इस बिल को लागु किया है परन्तु निजी अस्पतालों के चिकित्सक बिल का बिना पूर्ण अध्ययन किये ही बिल का विरोध कर रहे हैं जो पूर्णत: प्रदेश के आमजन के विरुद्ध है। इस अवसर पर संयुक्त सचिव विकास सेवग, कन्हैया जाखड़, जितेन्द्र भादू सहित छात्र उपस्थित रहे।