गणपति विसर्जन : घर में भी कर सकते हैं विसर्जन अगले बरस धूमधाम से पधारने की करें कामना
19 सितंबर को गणेश चतुर्थी से गणेशोत्सव शुरू हुआ, दस दिनों तक चलने वाले इस पर्व का समापन अनंत चतुर्दशी को होगा। भाद्रपद के शुक्ल मास की चतुर्दशी के दिन अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नम आंखों से बप्पा को विदाई दी जाती है, जिससे कि अगले बरस वो फिर से धूमधाम से पधारे। इस बार अनंत चतुर्दशी 28 सितबंर को है। विसर्जन का शुभ मुहूर्त 28 सितंबर को सुबह 10:42 बजे से दोपहर 3:11 बजे तथा दोपहर 4:41 बजे से शाम 9:12 बजे तक का है। सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें और गणेश जी की पूजा कर भोग लगाएं। गणेश मंत्र का जाप व आरती करें। स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। गणेशजी को लाल चन्दन, लाल पुष्प, दूर्वा, बेसन के लड्डू, पान, सुपारी, धूप-दीप आदि गणपति को अर्पित करें। परिवार के साथ गणपति की आरती करें। यदि संभव हो तो आप हवन भी कर सकते हैं।
मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी अपने घर लौटते हैं। ऐसे में उन्हें खाली हाथ विदा नहीं करना चाहिए, इसलिए विसर्जन से पहले उनके हाथ में लड्डू की पोटली दे सकते हैं। घर के किसी पुरुष से बप्पा का विसर्जन करवाएं। अगर मिट्टी की छोटी मूर्ति है तो अपने घर पर ही पानी के टब में गणपति जी का विसर्जन कर सकते हैं। मिट्टी घुलने के बाद पानी को गमलों में डाल दें। ध्यान रहे इस पानी को तुलसी के पौधे में नहीं डालें।
अगर मूर्ति बड़ी है किसी नियत स्थान या तालाब में विसर्जन कर सकते हैं, बशर्ते वहां गंदगी न हो। विसर्जन के दौरान गणपति से फिर से आने के लिए कहें। बप्पा के विसर्जन के समय स्वच्छता का पूरा ख्याल रखें। मन में बुरे विचार लाने से बचें। साथ ही विसर्जन के बाद भी मांस-मदिरा, नशे आदि के सेवन से बचना चाहिए। ध्यान रहे इस दिन काले रंग के कपड़े भी नहीं पहनने चाहिए।