बीकानेर में सात जने कल से रहेंगे भूख हड़ताल पर
ईसीबी कॉलेज मामला
पूर्व चैयरमेन महावीर रांका के नेतृत्व में सोमवार से आमरण अनशन
बीकानेर। इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर के नियमित अशैक्षणिक कार्मिकों को ज्वाइनिंग करवाने एवं ऑडिट में हुए घोटाले की जांच की मांग को लेकर सोमवार 6 फरवरी को पूर्व यूआईटी चैयरमेन महावीर रांका के नेतृत्व में आमरण अनशन किया जाएगा। पूर्व चैयरमेन रांका ने बताया कि सोमवार सुबह 10 बजे कलक्ट्रेट के समक्ष सात व्यक्ति आमरण अनशन शुरू करेंगे। महावीर रांका ने बताया कि सत्र 2018 में अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर में 18 अशैक्षणिक पदों पर नियमित नियुक्ति की गई थी।
राजनैतिक दुर्भावनावश चार वर्ष की सेवा पूर्ण होने के उपरान्त भी उक्त कार्मिकों को नियमानुसार परिलाभ प्रदान नहीं किए गए तथा एक कार्मिक की असमय मृत्यु हो गई उसकी विधवा पत्नी को भी अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं की गई। पूर्व चैयरमेन रांका ने बताया कि राजनैतिक दुर्भावना से ग्रसित होकर ही उक्त कार्मिकों की मार्च-2022 को अचानक ही सेवाएं समाप्त कर कार्यमुक्त कर दिया गया। उक्त कार्मिकों द्वारा हाईकोर्ट में रिट याचिका संस्थित किए जाने पर महाविद्यालय ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ में एकलपीठ के स्थगन आदेश के विरुद्ध स्पेशल अपील दायर की।
ईसीबी सहायक कुलसचिव कुंजीलाल स्वामी ने बताया कि खंडपीठ में अपील संबंधित प्रक्रिया न्याय विभाग द्वारा विहित विभागीय स्तर पर स्वीकृति प्राप्त किए बिना अपील की गई। जिसे भी उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा 24 जनवरी 2023 को निर्णित कर मैरिट के आधार पर खारिज कर दिया। स्वामी ने बताया कि दस माह से इन कार्मिकों को वेतन भुगतान भी रूका हुआ है एवं न्यायिक प्रक्रियाओं मं व्यय भी बढ़ रहा है।
कार्मिकों का जीवन यापन परिवार का भरणपोषण दुभर हो गया है। पूर्व चैयरमेन महावीर रांका ने बताया कि ऑडिट विभाग द्वारा सत्र 2005 से 2014-15 के लेखों की जांच में रिकवरी योग्य राशि लगभग 10 करोड़ 62 लाख पाई है। जिसके संबंध में महाविद्यालय द्वारा कोई विस्तृत कार्यवाही नहीं की गई है। इन लेखों की सीबीआई जांच करवा कर वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश किया जाना बेहद आवश्यक है।