निगम अधिकारियों को कलेक्टर ने कहा : रवैया सुधारे अन्यथा होगी कार्रवाई
बीकानेर। जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने नगर निगम के अधिकारियों की कार्यप्रणाली के प्रति सख्त नाराजगी व्यक्त की है। निगम अधिकारियों के साथ गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक करते हुए जिला कलेक्टर वृष्णि ने कहा कि लापरवाही और समुचित मॉनिटरिंग नहीं होने के चलते शहर में साफ सफाई, सड़कों पर टूट फूट, नाले और सीवरेज के चाक होने, चैंबर और मैनहाल के ढक्कन खुले होने, बारिश के कारण जल भराव, अवैध निर्माण, अतिक्रमण जैसी समस्याओं से आमजन परेशान है। निगम अधिकारी संवेदनशीलता के साथ आमजन से जुड़े मुद्दों पर काम करें। संबंधित अधिकारी अपने अपने फील्ड में एक्टिव दिखने चाहिए। लापरवाही किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी और संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला कलेक्टर ने कहा कि अधिकारियों को स्वयं अपने दायित्वों और कार्यों की जानकारी नहीं होना खेद का विषय है । नगर निगम की समस्त शाखों के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त करने के लिए उपायुक्त को निर्देश देते हुए वृष्णि ने कहा कि यदि शाखा ओआईसी द्वारा जनसुनवाई और सम्पर्क पोर्टल के प्रकरणों में समयबद्ध व सही जवाब प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बैठक में जिला कलेक्टर ने शहर की साफ सफाई , सड़कों की स्थिति, कचरे का नियमित उठाव, सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था, चल शौचालय , अग्निशमन, होर्डिंग, रोड स्वीपिंग , अमृत 2.0, हेल्पलाइन व बाढ़ नियंत्रण कक्ष सहित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से रिपोर्ट मांगी। जिला कलेक्टर ने सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था के तहत शहर में 3000 रोड लाइट्स लगाने के वर्क आर्डर के बावजूद कार्य नहीं होने पर भी नाराजगी जताई और निगम के अधीक्षण अभियंता को इस कार्य का फॉलोअप करते हुए एक सप्ताह में कार्य पूर्ण करवा कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। जिला कलेक्टर ने कहा कि ऑटो टिपर, सीवरेज लाइन्स में पशुओं के अपशिष्ट पदार्थ डालने वाले लोगों के विरुद्ध निगम नोटिस जारी करते हुए ऐसी डेयरियों को सीज करने की कार्रवाई करें।
अतिक्रमण हटाने और जनसुनवाई में आए प्रकरणों का निस्तारण करवा भिजवाए जवाब
जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने कहा कि निगम संबंधित शाखा के माध्यम से अतिक्रमण हटाने, अवैध निर्माण रुकवाने जैसे प्रकरणों में एक सप्ताह में कार्रवाई करते हुए संतोषजनक जवाब भिजवाएं। कचरे का नियमित उठाव हो, जीपीएस के माध्यम से इस पूरी व्यवस्था की नियमित मॉनिटरिंग हो और इसके बाद ही संबंधित का भुगतान किया जाए। उन्होंने अमृत 2.0 के तहत चल रहे कार्यों की प्रगति की जानकारी ली और कहा कि इस कार्य के दौरान बने गड्ढों से आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करवाएं । उच्च अधिकारी इन स्थानों की मॉनिटरिंग करें और आसपास के क्षेत्र में चेतावनी संकेतक व बैरिकेडिंग करवाई जाएं। शहर में गंदे पानी की समस्या के समाधान के लिए की गई बजट घोषणा के संबंध में भी जिला कलेक्टर ने शीघ्र प्रस्ताव बनाकर भिजवाने को कहा।
हेल्पलाइन एक्टिव मोड पर रहे, बाढ़ नियंत्रण कक्ष में भी ओआईसी लगाया जाए
जिला कलेक्टर ने कहा कि निगम द्वारा संचालित हेल्पलाइन और बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे चालू स्थिति में रहें। इस शाखा का ओआईसी नियुक्त कर उसके नंबर कलेक्टर कार्यालय को भिजवाएं। उन्होंने कहा कि मानसून के मद्देनजर फील्ड अधिकारी अतिरिक्त सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ काम करें।बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (शहर) उम्मेद सिंह रतनूं, नगर निगम उपायुक्त अर्पिता सोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।