कार्यकर्ता सम्मेलन के साथ कांग्रेस के चुनावी अभियान की शुरुआत
कांग्रेस ने राजस्थान में कार्यकर्ता सम्मेलन के साथ ही चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी है। जयपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन में कांग्रेस ने वादा किया कि यदि केंद्र में सरकार आती है तो महिला आरक्षण तत्काल दिया जाएगा। सम्मेलन में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश का नाम बदलना चाहती थी। वे इंडिया का नाम भारत करना चाहते थे, इसीलिए संसद का विशेष सत्र बुलाया था, लेकिन इसे रोकर महिला आरक्षण बिल ले आए। उन्होंने कहा कि पूरे विपक्ष ने महिला आरक्षण का समर्थन किया। हम चाहते हैं कि महिला आरक्षण आज से ही लागू हो, लेकिन भाजपा 10 साल बाद इसे लागू करना चाहती है। मोदी ह्रक्चष्ट वर्ग को भागीदारी देना चाहते हैं, लेकिन जातिगत जनगणना से क्यों डर रहे हैं? वे अडाणी से भी डरते हैं। बीजेपी वाले वोट मांगने आएं तो उनसे पूछना कि जातिगत जनगणना क्यों नहीं करवा रहे हो? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा- 2024 में कांग्रेस सरकार आई तो तत्काल महिला आरक्षण देंगे। नई संसद भवन के लोकार्पण के समय में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया गया। यह राष्ट्रपति का अपमान है। उन्हें आदिवासी होने की वजह से नहीं बुलाया। इससे पहले रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति थे तो उन्हें संसद भवन के शिलान्यास में नहीं बुलाया, क्योंकि वे अछूत मानते हैं। अछूत के आने से ये गंगाजल से जगह को धोते हैं।
ये केवल कहने के लिए दलित और आदिवासी को आगे करने की बात कहते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने नाम बदलना चाहा, इसके लिए संसद का विशेष सत्र बुला लिया। इंडिया को भारत किया, जबकि संविधान में साफ लिखा है कि इंडिया देट इज भारत। यानी इंडिया ही भारत है। जब उन्हें लगा कि इससे कोई फायदा नहीं होगा और भारत की जनता इन सब चीजों का समर्थन नहीं करती तो वे महिला आरक्षण बिल ले आए। राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान में हर वर्ग को सही प्रतिनिधित्व देने के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है। इस जनगणना से पता चल जाएगा कि हिंदुस्तान में किस वर्ग के कितने लोग हैं। हम ओबीसी को भागीदारी देने की बात करते हैं, लेकिन जब तक ओबीसी कितने हैं, यह पता नहीं लगेगा तो कैसे काम होगा? प्रधानमंत्री जातिगत जनगणना से क्यों डरते हैं? हमने ये जनगणना करवाई थी, आंकड़े आपके पास हैं, उन आंकड़ों को हिंदुस्तान की जनता के सामने रख दीजिए और अगली जनगणना में जातिगत जनगणना भी करवाइए। ओबीसी का अपमान मत कीजिए। मोदी न तो अडाणी की बात कर पाते हैं, न ही ओबीसी के बारे में बात करते हैं।