बजट : ऐतिहासिक चूक, सीएम ने पढ़ डाला पुराना बजट, मुख्य सचिव को किया तलब

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज अपनी सरकार का पांचवा और अंतिम बजट पेश कर रहे हैं। सीएम गहलोत बतौर वित्त मंत्री सदन दसवीं बार बजट पेश कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी के सुबह ठीक 11 बजने के साथ सदन में पहुंचते ही कार्यवाही शुरू हुई। सीएम गहलोत ने पुराना बजट पढ़ दिया, पिछले बजट में शहरी गारंटी योजना शुरू की थी, इस बार भी वही लाइन पढ़ दी, विपक्ष का जोरदार हंगामा, राजस्थान विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसी गलती। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने भारी हंगामा शुरू कर दिया।

विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने बजट लीक किया है। भारी हंगामा करते हुए विपक्षी सदस्य सदन के वेल में आ गए। विपक्ष ने ये भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बजट की पुरानी लाइनें पढ़ी हैं। भारी हंगामे के कारण सदन आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। राजस्थान में पहली बार बजट भाषण के दौरान सदन की कार्यवाही स्थगित की गई है। मुख्यमंत्री भाषण की शुरुआत की तो वह शेर पिछले भाषण में नहीं था, लेकिन इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा पिछले साल ही की गई थी। जब गहलोत ने दो पॉइंट हूबहू पढ़े तो देख सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने सीएम के कान में आकर कुछ कहा। इसी बीच विपक्ष के नेता और उपनेता ने सवाल उठाया कि सीएम पुराना भाषण पढ़ रहे हैं और बजट लीक हो गया है।। इस पर हंगामा शुरू हो गया।
बीजेपी विधायकों ने वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया तो हंगामा बढऩे लगा तो स्पीकर ने 11 बजकर 12 मिनट पर आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। बजट में राजस्थान के सभी वर्ग के लोगों के लिए लोक लुभावन घोषणाएं तय हैं। ये बजट इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। सरकार ने बजट की थीम बचत, राहत और बढ़त रखी है। मुख्यमंत्री ने बजट भाषण पढऩा शुरू कर दिया है।
राजस्थान विधानसभा में बजट पेश कर रहे सीएम अशोक गहलोत, दो वर्ष कोरोना की मार झेलने के बाद अब जनजीवन सामान्य होने लगा है, कोरोना काल में कोई भूखा नहीं सोए। 33 लाख परिवारों को सहायता उपलब्ध कराई थी, हमारा भीलवाड़ा मॉडल देशभर में चर्चित रहा था। हम जनता की सेवा के लिए आए, काम में अगर सच्चाई है तो हर एक संकट का हल होगा, आज नहीं तो कल होगा, मंहगाई से लोग त्रस्त हैं। हमारी सरकार ने पेट्रोल—डीजल पर वेट कम किया, बिजली की दरों को कम किया, मगर आमजन केंद्र की नीतियों के कारण महंगाई से त्रस्त है। गांवों की तर्ज पर शहरों में शहरी रोजगारी गारंटी योजना लागू की, बरोजगारी बड़ी समस्या है, केंद्र और राज्य सरकारों को कदम उठाने चाहिए