इन नक्षत्रों में पैदा हुए बच्चे का मुंह 27 दिन तक पिता न देखें
अश्विनी, मघा, मूल, आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती को गंडमूल नक्षत्र कहा जाता है। गंडमूल नक्षत्र की शांति वापस उसी नक्षत्र के आने पर 27 दिन बाद की जानी चाहिए। शांति के बाद ही पिता को बच्चे का मुंह देखना चाहिये।
30 जुलाई 2023, रविवार का पंचांग एवं मुहुर्त
संवत् 2080, शाके 1945, माह : सावन
तिथि- द्वादशी (प्रदोष व्रत), पक्ष- शुक्ल, नक्षत्र- मूल, योग- ऐन्द्र वैधृति
करण- बालव कौलव चंद्र राशि- धनु सूर्य राशि- कर्क
सूर्योदय 6:01, सूर्यास्त 7:25
राहुकाल : शाम 5:46 से शाम 7:27 बजे तक
अभिजीत मुहुर्त : दोपहर 12:16 से दोपहर 1:10 बजे तक
शुभ समय : सुबह 9:21 से दोपहर 12:43 बजे तक
पंडित गिरधारी सूरा (पुरोहित)
3-बी-267, सुदर्शनानगर नागणेचीजी मंदिर के पीछे, बीकानेर 9950215052