बीकानेर की दोनों सीटों पर भाजपा का फोकस पीएम मोदी, शाह व नड्डा के बीकानेर में होंगे दौरे
बीकानेर की पश्चिम विधानसभा है बड़ा अखाड़ा, नया चेहरा उतार सकती है भाजपा
पवन भोजक
बीकानेर। विधानसभा चुनावों में अब ज्यादा समय नहीं रहा है, मात्र 9 माह बाद चुनावी दंगल प्रारंभ हो जाएगा। हालांकि टिकट की तैयारी कर रहे नेता अपना दमखम दिखाने में जुटे हुए हैं। बात केवल बीकानेर की करें तो पूर्व और पश्चिम दो सीटें काफी महत्वपूर्ण हैं इसमें खासतौर पर बीकानेर वेस्ट की सीट पर जीत तय करना बेहद आवश्यक हो गया है। 2018 में कांग्रेस के डॉ. बीडी कल्ला ने बीकानेर पश्चिम विधानसभा से जीत दर्ज करते हुए भाजपा के हाथों से सीट छीनी थी।
पूर्व विधानसभा में एमएलए सिद्धि कुमारी तीन बार विजयश्री प्राप्त कर चुकी हैं और चौथी बार भी एमएलए सिद्धि कुमारी को ही टिकट मिलने के साथ-साथ जीत के भी पूरे-पूरे चांस हैं। कारण साफ है कि इस सीट पर भाजपा के आलाकमान कोई छेड़छाड़ करना पसंद नहीं करेंगे। जब तीन बार बगैर किसी जदोजहद के जीत होती आई है, कहीं कोई कंट्रोवर्शी भी नहीं फिर इस सीट पर कोई नया दांव खेला जाए ऐसा संभव होना कम नजर आता है।
देखा जाए तो बीकानेर पश्चिम ही अखाड़ा बना है जिसमें अब मौजूदा विधायक डॉ. कल्ला को पटखनी देने के लिए भाजपा किसी मंझे हुए खिलाड़ी पर दांव लगाती है या फिर कोई नया चेहरा भी उतार सकती है। पश्चिम से टिकट के लिए चेहरे तो बहुत दिख रहे हैं लेकिन भाजपा की तलाश ऐसे दमदार प्रत्याशी की है जो डॉ. कल्ला के अनुभव, जातीय समीकरण और फिलहाल करवाए जो रहे विकास कार्यों को टक्कर दे सके।
आपको बता दें भीलवाड़ा और दौसा में सभाएं करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही मिशन राजस्थान की शुरुआत कर चुके हैं। आने वाले दिनों में उनकी श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा जैसे इलाकों में भी सभाएं होंगी। इसके साथ ही पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा दोनों में से किसी एक की बीकानेर में भी दौरे की पूर्णत: संभावना है।
गलतियों पर होगा मंथन
इन सीटों पर पिछली बार किन गलतियों के कारण हार हुई? क्या चेहरे का चुनाव गलत हुआ? क्या पिछली बार जो विधायक था उसे लेकर क्षेत्र में नाराजगी थी? कार्यकर्ता चुनाव में निष्क्रिय हुआ, मैनेजमेंट सही नहीं था या अचानक समीकरण बदल गए?