भाजपा नेताओं सावधान, अब आंदोलन से पहले लेनी होगी संगठन की मंजूरी
प्रदेश भाजपा ने तय किया है कि अब आंदोलन से पहले भाजपा संगठन से सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों को लेनी होगी मंजूरी लेनी होगी । राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की ओर से गत दिनों आंदोलन में प्रदेश संगठन का सहयोग नहीं मिलने के आरोपों के बीच संगठन ने कड़ा रुख अपनाया है।
जिला या प्रदेश स्तर पर संगठन की मंजूरी लेनी होगी। आंदोलन से पहले मुद्दा और विषय संगठन के संज्ञान में लाना होगा। संगठन की अनुमति के बिना आंदोलन नहीं होगा। इसके बाद भी आंदोलन हुआ तो उसे नेता का व्यक्तिगत आंदोलन माना जाएगा। प्रदेश में कई नेता ऐसे हैं जो मुद्दों को पार्टी के संज्ञान में लाए बिना आंदोलन कर रहे हैं। पार्टी का मानना है इससे पार्टी में कॉर्डिनेशन प्रभावित होता है।
भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, सह प्रभारी विजया राहटकर, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने इसे कड़ाई से लागू कराने पर मंथन किया। जिला इकाइयों को सूचना भेजने की दिशा में भी काम शुरू हुआ। संगठन के अनुसार पार्टी की यही परम्परा है, जिसे अब फॉलो करना है। सांसद डॉ. किरोड़ी 3 साल से अलग से आंदोलन कर रहे हैं। पिछले महीने किरोड़ी ने सतीश पूनियां और संगठन को कठघरे में खड़ा किया था। प्रदेशाध्यक्ष की सभा में किरोड़ीलाल समर्थकों ने . पूनियां हाय-हाय के नारे लगाए। इसी के चलते पार्टी को कड़ा फैसला लेना पड़ा है।