बीकानेर के इस पत्रकार को मिला श्रद्धाशील अलंकरण… देखें वीडियो
नेशनल प्रेजीडेंट ऑफ मीडिया के पद पर किया नियुक्त
बीकानेर। बीकानेर निवासी तथा देश और व्यापार समाचार पत्र के सम्पादक पत्रकार रवि पुगलिया को हैदराबाद में आयोजित गुरु पूर्णिमा महोत्सव में श्रद्धाशील भक्त अलंकरण से नवाजा गया। गुरु पूर्णिमा पर विश्व धर्म चेतना मंच (श्री सिद्धेश्वर तीर्थ-ब्रह्मर्षि आश्रम, तिरूपति) के हैदराबाद चैप्टर द्वारा आयोजित गुरु पूर्णिमा के ऐतिहासिक महोत्सव में सिद्धगुरु श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव ने अपने प्रमुख भक्तों को विशेष अलंकरण से सम्मानित किया।
पत्रकार रवि पुगलिया की अनन्य भक्ति एवं गुरुदेव की प्रति श्रद्धा व हर आयोजन को उत्साहपूर्वक निभाने के लिए श्रद्धाशील भक्त अलंकरण से नवाजा गया। श्री गुरुदेव ने अपने आशीर्वचन में कहा कि पत्रकार रवि पुगलिया दिल के राजा हैं और इनकी गुरु भक्ति भी राम भक्त हनुमान के समान है। इस ऐतिहासिक महोत्सव में ब्रह्मर्षि गुरुदेव ने पत्रकार रवि पुगलिया को विश्व धर्म चेतना मंच (श्री सिद्धेश्वर तीर्थ-ब्रह्मर्षि आश्रम, तिरुपति) के नेशनल प्रेजीडेंट ऑफ मीडिया के पद पर नियुक्ति प्रदान की। अब पत्रकार पुगलिया आश्रम के समाचारों का पूरे देश में प्रचार-प्रसार का दायित्व निभाएंगे।
उत्साही और निडर पत्रकार हैं रवि पुगलिया
लाखों मारवाडिय़ों में प्रसारित होने वाले देश और व्यापार समाचार पत्र के सम्पादक रवि पुगलिया अपनी उत्साही, मृदु स्वभाव के लिए पहचाने जाते हैं। भारतीय ग्रामीण पत्रकार संघ में जिलाध्यक्ष, बीकानेर प्रेस क्लब में उपाध्यक्ष, ऑल इंडिया जैन जर्नलिस्ट एसोसिएशन में प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व निभा चुके हैं। विगत 18 वर्षों से ब्रह्मर्षि गुरुदेव के सान्निध्य में पत्रकार रवि पुगलिया आश्रम के हर आयोजन में सक्रिय सहभागी रहते हैं।
माह के 20 दिन बीकानेर से बाहर प्रवासी मारवाडिय़ों में मरुभूमि की कड़ी बनकर देश और व्यापार के माध्यम से समाचारों का प्रेषण करते हैं। 45 वर्षों से रवि अपने पिता प्रकाश पुगलिया के मार्गदर्शन में आज मीडिया जगत में ऊंचाइयों को छू रहा है। देश और व्यापार पाक्षिक प्रिंट समाचार पत्र एवं सांध्यकालीन में दैनिक डिजिटल एडिशन के माध्यम से रवि पुगलिया के अखबार की पहुंच लाखों पाठकों तक है। पत्रकारिता के क्षेत्र में पुगलिया ने हमेशा खुशियां बांटने व बटोरने के उद्देश्य से कार्य किया है। सकारात्मक पत्रकारिता की शैली से ही पुगलिया हरदिल अजीज बने हुए हैं।