बिजली बिल से परेशान डॉक्टर ने मांगी इच्छा मृत्यु, कलेक्टर को लिखा पत्र
झुंझुनूं। सोलर पैनल लगाने के बावजूद हर महीने करीब 30 हजार रुपए के बिजली के बिल से परेशान डॉक्टर ने कलेक्टर से इच्छा मृत्यु मांग ली। कलेक्टर को बुधवार को लिखे लेटर में डॉक्टर ने बिजली विभाग के एईएन, जेईएन और लाइनमैन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। लिखा- मानसिक रूप से प्रताडि़त हो चुका हूं। मुझे इच्छा मृत्यु की इजाजत प्रदान करें। मामला झुंझुनूं जिले के वार्ड नंबर 1 का है। यहां लिटिल पब्लिक स्कूल के पास रहने वाले फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. मनीष सैनी के घर का बिजली का कनेक्शन पत्नी मनीषा सैनी के नाम है। लेटर सामने आने के बाद विभाग ने गलती मानते हुए गुरुवार को जांच के आदेश दिए हैं।
डॉ. मनीष कुमार सैनी ने बताया- मैंने सरकारी योजना के तहत 5 महीने पहले 10केवी का सोलर पैनल लगाया था। घर पर मैं और पत्नी ही रहते हैं। बिजली विभाग की ओर से लगातार भारी भरकम बिल भेजा रहा है। पिछले 4 महीने में कई बार मैंने इनको अवगत करवा दिया गया है। एप्लीकेशन भी दे दी है। लेकिन, ये इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। भ्रष्टाचार से लिप्त ये कर्मचारी (एईएन, जेईएन और लाइनमैन) आम आदमी को तवज्जो नहीं देते। अभी तो मुझे डराते हैं। ये कहते हैं कि हमारी सरकार है और हम तुम्हारा कनेक्शन कटवा देंगे। इस तरीके की मुझे धमकी दी जा रही है। आपसे निवेदन है कि मुझे इच्छा मृत्यु की इजाजत दें, ताकि मैं इस मानसिक रूप से प्रताडऩा से बच सकूं।
लेटर में उन्होंने लिखा- मेरी मौत के जिम्मेदार राजस्थान सरकार, ऊर्जा मंत्री और झुंझुनूं के सभी बिजली बोर्ड कर्मचारी होंगे। डॉ. मनीष कुमार सैनी ने बताया- मैं घर में ही फिजियोथेरेपिस्ट का क्लिनिक चलाता हूं। सोलर पैनल लगवाने के बावजूद जुलाई में 19,080, अगस्त में 19,797 और सितंबर में 31,224 रुपए का बिल भेजा था। ये तीनों बिल मैंने जमा करवा दिए। इसके बाद नवंबर में 30,094 रुपए का बिल दिया है। डॉ. सैनी ने बताया- बिजली विभाग में तीन बार एप्लीकेशन दे चुका हूं। अधिकारी उसे फेंक देते हैं। कहते हैं कि ये तो जमा ही करवाना पड़ेगा और भी पैसे लगेंगे।