अनंत चतुर्दशी : इस तहर करें पूजन भगवान विष्णु होंगे प्रसन्न
हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। विधिपूर्वक और शुभ मुहूर्त में अनंत चतुर्दशी की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। १7 सितंबर, मंगलवार को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। बता दें कि भगवान विष्णु के 12 नाम हैं, जिनमें से एक अनंत है। इस दिन मध्याह्न के समय इनकी पूजा करने का और साथ ही व्रत करने का विधान है। कहते हैं स्वयं श्री कृष्ण के कहने पर पांडवों ने भी इस व्रत को किया था। इस व्रत को करने से भक्तों की मुश्किलें कम हो जाती है और धन, संतान आदि की कामना पूरी होती है।
अनंत चतुर्दशी पूजा विधि
अनंत चतुर्दशी के दिन स्नान आदि के बाद, नित्य कर्मों से निवृत्त होकर, साफ कपड़े पहनकर पहले व्रत का संकल्प लें। इसके बाद सबसे पहले घर की पूर्व दिशा को अच्छे से साफ करके, वहां पर कलश की स्थापना करें। फिर कलश के ऊपर कोई थाल या अन्य कोई बर्तन स्थापित करें। फिर उस बर्तन में कुश से बनी हुए भगवान अनंत की मूर्ति स्थापित करें और उसके आगे कुमकुम, केसर या हल्दी से रंगा हुआ कच्चे सूत का चौदह गांठों वाला धागा रखें। इस धागे को अनंत भी कहा जाता है। अब कुश से बने अनंत जी और चौदह गाठों वाले धागे की विधिपूर्वक गंध, पुष्प, धूप-दीप, नैवेद्य आदि से पूजा करें और संभव हो तो भगवान की कथा भी पढ़ें। फिर पूजा आदि के बाद अनंत देव का ध्यान करते हुए उस धागे को अपनी बाजू पर बांध लें। पुरुष अपने दाहिने हाथ में और महिलाएं अपने बाएं हाथ में उस चौदह गांठों वाले धागे को बांधें । दरअसल अनंत धागे की चौदह गांठे चौदह लोकों की प्रतीक मानी गई हैं। यह धागा भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला और अनंत फल देने वाला माना गया है । इसे धारण करने से हर तरह की मुसीबतों से रक्षा होती है और साधक का कल्याण होता है।
अनंत चतुर्दशी 2024 पूजा मुहूर्त
भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि आरंभ- 16 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 10 मिनट से
भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि समाप्त- 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर
अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त- 17 सितंबर को सुबह 6 बजकर 7 मिनट से सुबह 11 बजकर 44 मिनट तक