महिला कर्मचारी का आरोप, डिप्टी डायरेक्टर जबरदस्ती वीडियो कॉल करता है
उदयपुर। उदयपुर में केंद्र सरकार के ईएसआई अस्पताल के डिप्टी डायरेक्टर और मेडिकल सुपरिटेंडेंट के खिलाफ एक महिला ने शुक्रवार को केस दर्ज करवाया है। महिला का कहना है कि नौकरी के नाम पर उसे सेक्सुअल हैरेस (उत्पीडऩ) किया जा रहा है। डिप्टी डायरेक्टर जबरदस्ती वीडियो कॉल करता है। महिला ने मना किया तो कहा- वीडियो कॉल पर बात करनी होगी। वह यहीं नहीं रुका, एक दिन हाथ पकड़कर आई लव यू कह दिया।
महिला ने बताया- डिप्टी डायरेक्टर ऑफिस खत्म होने के 5 बजे बाद भी रोकते हैं। कहते हैं कि तुम्हारा समय मैं तय करुंगा। जो मैं बोलता हूं। तुम्हें करना होगा। महिला ने यह सब बातें मेडिकल सुपरिटेंडेंट शर्मा को बताई तो उनका जवाब था कि क्या फर्क पड़ता है। महिला जयपुर से लेकर दिल्ली तक शिकायत कर चुकी है। पुलिस के पास भी शिकायत दर्ज करवाई। करीब 6 महीने तक महिला की शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
आखिर एसपी ऑफिस के दखल के बाद मामला दर्ज किया गया है। शुक्रवार शाम को सुखेर थाने में महिला ने ईएसआई हॉस्पिटल चित्रकूट नगर उदयपुर के डिप्टी डायरेक्टर भागचंद मीणा और ईएसआई हॉस्पिटल चित्रकूट नगर के ही मेडिकल सुपरिटेंडेंट मनोज कुमार शर्मा के खिलाफ सेक्सुअल हैरेसमेंट का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। महिला ने रिपोर्ट में बताया- कर्मचारी राज्य बीमा निगम उदयपुर में एजेंसी के जरिए 25 अगस्त 2022 को एक पद की नियुक्ति के लिए डिप्टी डायरेक्टर ने फोन कर कार्यालय बुलाया।
महिला कर्मचारी का आरोप है कि इस मामले में जयपुर से लेकर दिल्ली तक शिकायतें भेजीं। ईएसआई के दिल्ली मुख्यालय से लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग को शिकायत भेजी। 2022 में धनतेरस के कुछ दिन बाद सुखेर पुलिस को रिपोर्ट भी दी, लेकिन पुलिस ने मामले को शिकायत (परिवाद) में डालकर रखा। इस बीच महिला आयोग से शिकायत उदयपुर पहुंची। महिला अधिकारिता विभाग को दी गई, लेकिन वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। मामला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पास पहुंचा। प्राधिकरण ने प्रतिनिधि के रूप में वकील ऋतु मेहता को नियुक्त किया। मेहता ने अभी तीन दिन पहले एसपी के समक्ष महिला को पेश कर पूरी हकीकत बताई।
रिपोर्ट में महिला ने कहा- डिप्टी डायरेक्टर मीणा आए दिन कहता था कि तुम सुंदर लग रही हो। तुम्हारी साड़ी सुंदर है। तुम अच्छी लगती हो। यहीं नहीं ऑफिस खत्म होने पर 5 बजे के बाद भी काम के बहाने रोक लेता था। मैं बोलती कि समय हो गया जाने दीजिए तो डिप्टी डायरेक्टर कहते थे कि तुम्हारा समय मैं तय करुंगा। जो मैं बोलता हूं, वह तुम्हें करना होगा। महिला ने यह सब बातें भी मेडिकल सुपरिटेंडेंट शर्मा को बताईं तो उनका जवाब था कि क्या फर्क पड़ता है।