राजस्थान के इन प्रत्याशियों की पाकिस्तान में भी रहती है चर्चा
बॉर्डर के इलाके का संबंध पाकिस्तान से है। यहां के लीडर्स के भी पारिवारिक संबंध पाकिस्तान से रहते है। इन दिनों ये लीडर्स चुुनावों में टिकट की दौड़ में हैै तो पाकिस्तान में भी इनके नाते-रिश्तेदार और चाहने वाले दुआ पढ़ रहे है कि इनको ही टिकट मिले।
अमीनखां (शिव) का ससुराल पाकिस्तान में गोगासर में है। अमीन बॉर्डर के गांव देताणी में रहते है, जिसके सामने के गांवों में ही उनके ससुराल है। अमीनखां पाकिस्तान यात्रा पर कई बार गए है। उनके विधायक बनने से लेकर चुनाव लड़ते तक उत्सुकता पाकिस्तान में उनके परिजनों को रहती है। 1980 से चुनाव लड़ रहे अमीनखां दसवीं बार टिकट के दावेदार है। तरूणराय कागा (चौहटन) पाक विस्थापितों के नेता है। 1971 की लड़ाई में भारत आए और यहां सीमावर्ती चौहटन में बस गए। सरकारी नौकरी बाद भाजपा से चुनाव लड़ा और 2013-18 में विधायक रहे। वे विधायक रहते हुए औैर इसके बाद भी पाकिस्तान गए है। शाले मोहम्मद (पोकरण) जैसलमेर के सीमावर्ती इलाके के भागू का गांव के है। वे सिंधी मुसलमानों के धर्मगुरू है। जिनके अनुयायी पाकिस्तान के सिंध इलाके में भी है। शाले मोहम्मद व उनके परिवार के सदस्य पाकिस्तान कई बार आए-गए है। पाकिस्तान में मानवेन्द्र के भी पारिवारिक ताल्लुकात है। हिंगलाज माता के भक्त है और पिता जसवंतसिंह के साथ यात्रा में गए थे। इसके बाद पिछले साल हिंगलाज माता मंदिर दर्शन को भी गए थे। बाड़मेर जिले में एक लाख से अधिक पाक विस्थापित है। 1947 से 2023 तक ये लगातार भारत आए है। ये लोग भारतीय नागरिकता मिलने के बाद यहां वोट दे रहे है। चौहटन में सर्वाधिक 50 हजार के करीब पाक विस्थापितों के वोट है। शिव और बाड़मेर में भी यह संख्या हजारों में हैै।