मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, एक पुलिसकर्मी की मौत, 10 घायल
कुकी और मैतेई समुदाय के बीच मणिपुर में शुरू हुए जातीय हिंसा को दो महीने से ज्यादा वक्त बीत चुके हैं, फिर भी भड़की इस हिंसा की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। इस हिंसा के कारण मणिपुर के ज्यादातर हिस्सों में दहशत का माहौल है। वहीं हजारों लोग बेघर हो गए हैं, जो विस्थापित होकर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। इस बीच मणिपुर के पश्चिमी कांगपोकपी इलाके में फिर हुई हिंसक झड़प में इलाके में तैनात एक पुलिसकर्मी की जान चली गयी और करीब 10 लोग घायल हो गए हैं। उसके बाद आज फेयेंग और सिंगदा गांवों से गोली चलने की आवाज सुनी गईं।
रविवार रात से ही कई इलाकों से लगातार गोली चलने की आवाज आ रही है। इस कारण यहां के आम लोगों में डर का माहौल है। बता दें कि असम राइफल्स दोनों गांवों के बीच एक बफर जोन का प्रबंधन करती है। संबंधित अधिकारियों ने दोनों पक्षों की ओर से और अधिक लोगों के हताहत होने की संभावना से इनकार नहीं किया और कहा कि गोलीबारी जब पूरी तरह ख़त्म होगी उसके बाद ही सही आकड़ों का पता लग पाएगा।