4 जून पूर्णिमा से भगवान जगन्नाथ को है बुखार, अमावस्या को होंगे स्वस्थ, नवयौवन के होंगे दर्शन
20 को निकलेगी जगन्नाथ रथ यात्रा, नौ दिन रहेंगे ससुराल
बीकानेर। श्री जगन्नाथ यात्रा 20 जून मंगलवार को सायं 6:30 बजे निकाली जाएगी। श्री जगन्नाथ रथ यात्रा समिति के गणेश पांडे ने बताया कि 20 जून को पहले महाआरती होगी फिर रथ पर सवार होकर भगवान श्री जगन्नाथ अपने ससुराल रतन बिहारी पार्क स्थित रसिक शिरोमणि मंदिर जाएंगे। यहां भगवान नौ दिन तक विराजमान रहेगे। इन नौ दिनों में जगन्नाथ महात्म कथा, भोग, आरती व संकीर्तन के आयोजन होंगे। पुजारी देवाशीष पांडे ने बताया कि संवत् 1833 में उनके पूर्वजों ने यहां मंदिर बनवाया और नीम की लकड़ी से मूर्तियों को स्थापित करवाया।
पांडे ने बताया कि विगत 2016 मे जगन्नाथ पूरी से न्यू कलेवर की मूर्तियां स्थापित की गई है। खास बात यह है कि जो आयोजन जगन्नाथ पूरी में किए जाते हैं वही आयोजन यहां मंदिर में भी सम्पन्न होते हैं और निरन्तर 1833 से यह परम्परा बरकरार है। पुजारी परिवार ने बताया कि यह मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ को ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन जलाभिषेक की परंपरा है। इस दिन भक्त अपने भगवान को इतना स्नान करा देते हैं कि भगवान 15 दिनों के लिए बीमार पड़ जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 15 दिन काढ़े के सेवन के बाद भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा स्वस्थ्य हो जाते हैं।
भगवान जगन्नाथ को चढऩे वाला ये काढा इतना चमत्कारिक है कि इसके सेवन से भक्तों के रोग भी दूर हो जाते है। भगवान जगन्नाथ को भोग लगाने के बाद इस खास काढ़े को प्रसाद स्वरूप भक्तो में बांटा जाता है। इस दौरान दर्शन बंद हो जाते हैं। उसके बाद आषाढ़ की अमावस्या को सुबह साढ़े पांच बजे नवयौवन के दर्शन होते हैं। इस बार 18 जून को अमावस्य है और सुबह से ही नवयौवन दर्शन प्रारंभ हो जाएंगे। भगवान जगन्नाथ की यात्रा में शामिल होने व उस दिन विशेष दर्शन लाभ लेने से जगन्नाथ पूरी जितना लाभ कमाया जा सकता है।