आग लगने की हो रही थी जांच, हत्या का हुआ खुलासा
नागौर/ तकरीबन सवा दो महीने पहले रोल थाना इलाके में हुई हंसराज सिंह की हत्या करने का आरोपी उसका भतीजा निकला। आरोपी सुरेंद्र सिंह (20) ने हत्या के लिए ताऊ हसंराज की लाठी ही काम में नहीं ली, उसी की मोटरसाइकिल से उसी पव्वे में पेट्रोल भी निकाला जो सोने से पहले हंसराज ने पीकर बगल में फैंक दिया था। सुरेंद्र सिंह उस समय पकड़ा गया जब होली के दिन इसी ताऊ के पुत्र अजय सिंह के ई-मित्र पर लेपटॉप समेत अन्य सामान को उसने आग लगा दी। जांच ई-मित्र में आग लगने की चल रही थी कि हत्या का मामला भी खुल गया।
डीडवाना एएसपी विमल सिंह ने बताया कि हसंराज सिंह (58) के पुत्र अजय सिंह ने तेरह जनवरी को रिपोर्ट दी थी कि उसके पिता खेत में सो रहे थे। सुबह देखा तो उनकी हत्या कर पेट्रोल डालकर किसी ने आग लगा दी। यही नहीं उनकी मोटरसाइकिल तक शव के ऊपर रख दिया। इस पर एसपी राममूर्ति जोशी के निर्देश पर जायल सीओ सुनील कुमार झांझडिय़ा के सुपरविजन में रोल थाना प्रभारी रामनिवास को मामले की जांच सौंपी। जांच चल ही रही थी कि हंसराज के भाई विजय सिंह के घर की दुकान पर चल रहे अजय सिंह के ई-मित्र में आग लगाकर कोई फरार हो गया। इसकी जांच भी रामनिवास ने शुरू की, कड़ी से कड़ी जुड़ती गई और आगजनी से पहले हत्या कर शव को आग लगाने वाले सुरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया।
नेहरा ने बताया कि सुरेंद्र के पिता रणवीर सिंह, विजय सिंह और हंसराज तीनों खास भाई हैं और रोल के खंवर गांव में पास-पास रहते हैं। हंसराज सेना फिर अन्य सरकारी सेवा में रहा। उसको दो पेंशन मिलती थी। सुरेंद्र के पिता रणवीर सिंह की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी। कुआं साझे का था,लोन नहीं चुका पाने के चलते उन्होंने अपनी जमीन तक हंसराज को ना देकर दूसरे को दे दी । बकौल सुरेंद्र, हंसराज सुरेंद्र व उसके पिता को काम नहीं करने के ताने देता था। कहता था कि काम-धाम करते नहीं, पैसे वाला बनना चाहते हैं। ऐसे ही तानों से सुरेंद्र परेशान था। यह परेशानी तब और बढ़ गई जब हंसराज ने अजय को नई बाइक दिला दी। जमीन समेत अन्य विवाद से पहले ही दूरियां बढ़ रही थी, ऐसे में सुरेंद्र ने हंसराज सिंह को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया।
सुरेंद्र सिंह हत्या के बाद हंसराज सिंह के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुआ। यहां तक कि उसने अगले दिन अपने व्हाट्सए स्टेटस पर लगाया कि किसी को छोडूंगा नहीं। पुलिस अपने स्तर पर जांच करने लगी कि होली पर हंसराज के पुत्र अजय सिंह के ई-मित्र में आग लग गई। इस पर अनुसंधान करते हुए थाना प्रभारी ने पाया कि आरोपी घर के आसपास का ही है और हंसराज सिंह की हत्या भी ऐसे ही हुई थी। रामनिवास ने कांस्टेबल रामअवतार जांगिड़, कैलाशराम व सुरेश के साथ साक्ष्य एकत्र कर सुरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया। उसने दोनों वारदात कबूल कर ली। सुरेंद्र सिंह दो भाई हैं। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। सुरेंद्र क्राइम सीरियल का शौकीन है व वीडियो शूटिंग का काम करता है।