प्रशासन से हुई वार्ता, चकगर्बी नहीं तोड़ेगे आशियाने

बीकानेर। चकगर्बी विकास समिति की 7 सूत्री मांग पत्र पर कलेक्टर से वार्ता में जिला प्रशासन ने आशियाने नहीं तोडऩे का आश्वासन दिया। कहा कि चकगर्भी नियमन की विधिवत् प्रक्रिया हेतु जेडीए सहमत है चकगर्बी का भू मानचित्र शीघ्र लागू किया जाएगा। सकारात्मक आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित किया। वार्ता में जिला प्रशासन की तरफ से कलेक्टर नम्रता वृर्षिणी एडीएम सीटी रमेश देव और तहसीलदार बीकानेर राजकुमारी विश्नोई शामिल हुए। वार्ता में कांग्रेस नेता मदन गोपाल मेघवाल, यशपाल गहलोत, रामनिवास कूकना, भंवर कुंकना, बिशनाराम सिहाग, सुभाष स्वामी, प्रफुल हटीला भा ज पा. नेता सुरेन्द्र सिंह शेखावत, अशोक भाटी, कुन्दन सिंह राठौड़, पुनीत ढाल, कन्हैया लाल कड़ेला, संघर्ष समिति के राजाराम धानका, संदीप चौधरी, राधे श्याम घायल, फऱमान कोहरी, नारायण सिंह शेखावत, विजय सिंह राठौड़, कर्णपाल सिंह, ठेकेदार रफीक भाई गिगासर शामिल रहे।
चकगर्बी में मकान तोडऩे के विरोध में कलेक्ट्रेट का किया घेराव

चकगर्बी क्षेत्र में बने मकानों को बीडीए प्रशासन द्वारा अवैध बताकर तोडऩे और अन्य मकान मालिकों को नोटिस थमाने के विरोध में धरना चल रहा है। सोमवार को बड़ी संख्या में आक्रोशित लोग कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर गरीब विरोधी कार्रवाई का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। धरने का नेतृत्व कांग्रेस नेता रामनिवास कूकणा, यूथ कांग्रेस देहात अध्यक्ष भंवरलाल कूकणा, भाजपा नेता सुरेन्द्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेता सुभाष स्वामी सहित कई नेताओं ने किया। प्रदर्शनकारी नेताओं ने कहा कि गरीब लोगों ने कॉलोनाइजर्स से पट्टे लेकर अपनी खून-पसीने की कमाई से मकान बनाए, जिनकी रजिस्ट्री तक हो चुकी है। अब बीडीए प्रशासन उन आशियानों को तोड़ रहा है, जबकि असली दोषी वे कॉलोनाइजऱ हैं जिन्होंने सरकारी ज़मीन पर अवैध कॉलोनियां काटी और गरीबों को झांसे में लिया।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सबसे पहले उन कॉलोनाइजर्स के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो, जिन्होंने सरकारी ज़मीन पर कब्जा कर कॉलोनी काटी। साथ ही, जिन गरीब लोगों ने वैध प्रक्रिया से मकान बनवाए हैं, उनके आशियानों को संरक्षित किया जाए।कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन देर शाम तक जारी रहा, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वार्ता की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि गरीबों के मकानों को तोडऩे की कार्रवाई रोकी नहीं गई, तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।
