रोटरी क्लब बीकानेर आध्या की पहल : वाटर बेल अभियान का हुआ शुभारम्भ

अब तीसरे व छठे पीरियड में बजेगी वाटर बेल, विद्यार्थियों को जल सेवन के लिए करेंगे प्रेरित
बीकानेर। रोटरी क्लब बीकानेर आध्या ने पूरे राजस्थान राज्य में अपनी तरह की पहली अनोखी पहल करते हुए ‘वॉटर बेल इनिशिएटिवÓ की शुरुआत की। बीकानेर में राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय, एमडी मार्ग पर इस अभियान की शुरुआत की गई। क्लब अध्यक्ष प्रियंका बैद ने बताया कि अभियान का शुभारंभ पीडीजी अनिल माहेश्वरी, पीडीजी राजेश चूरा, रोटेरियन शशिमोहन मूंधड़ा एवं एजी निशिता सुराणा की उपस्थिति में किया गया। क्लब सचिव तनु मेहता ने बताया कि सैकड़ों छात्राओं की उपस्थिति में इस अभियान का शुभारम्भ वाटर बैल बजाकर किया गया तथा अतिथियों ने पानी पीने की आदत और स्वस्थ व ऊर्जावान बने रहने के लिए प्रेरित किया। प्रधानाचार्य मंजूबाला व कार्यक्रम अधिकारी विष्णु जोशी ने उद्बोधन दिया तथा प्रमोद शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस दौरान 325 से अधिक छात्राओं को वाटर बॉटल वितरित की गई। इस अवसर पर कोषाध्यक्ष सुषमा मोहता, सीमा गट्टानी, शीला सांखला, डॉ. अनुराधा चांडक, जागृति बोथरा, विनिता सावनसुखा, भारती गहलोत, देविका गहलोत, उर्मिला बजाज और माया चांडक की सहभागिता रही।
पानी पीने की आदत बेहतर स्वास्थ्य की ओर ले जाएगी : प्रियंका बैद
क्लब अध्यक्ष प्रियंका बैद ने बताया कि स्वस्थ जीवनशैली की नींव बचपन में ही रखी जाती है। यह वॉटर बेल पहल बच्चों को समय पर पानी पीने की आदत सीखाकर उन्हें बेहतर स्वास्थ्य की ओर ले जाएगी। अध्यक्ष प्रियंका बैद ने बताया कि इस अभियान के तहत विभिन्न स्कूलों में जागरुकता अभियान चलाया गया एवं हजारों वाटर बॉटल विद्यार्थियों को वितरित की जाएगी व वॉटर बेल के बारे में जानकारी दी जाएगी। यह पहल बीकानेर कलेक्टर नम्रता वृष्णि के नेतृत्व, अनुमोदन और प्रोत्साहन द्वारा संभव हो पाया है। सीडीईओ बीकानेर महेन्द्र शर्मा के मार्गदर्शन में यह सकारात्मक कदम साकार हो पाया है।

मासिक रिपोर्ट होगी प्रेषित
रोटरी क्लब बीकानेर आध्या की इस अनूठी सोच का उद्देश्य विद्यार्थियों में हाइड्रेशन की महत्ता स्थापित करना तथा जल की कमी से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याओं को कम करना है। जिला कलेक्टर द्वारा जारी आदेशानुसार, समस्त विद्यालयों में प्रतिदिन दो बार तीसरे एवं छठे पीरियड के दौरान विशेष ‘वाटर बेलÓ बजाई जाएगी। यह बेल सामान्य घंटी से अलग होगी ताकि इसकी पहचान विशेष रूप से की जा सके। बेल बजते ही शिक्षक विद्यार्थियों को जल सेवन के लिए प्रेरित करेंगे। विद्यालय प्रबंधन को इस कार्यक्रम की नियमित पालना सुनिश्चित करने तथा इसकी मासिक रिपोर्ट संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं।