कैलाशधाम में सजा बाबा नर्बदेश्वर का दरबार, गुलाब के पुष्पों से हुआ शृंगार, दिनभर चला रुद्राभिषेक

बीकानेर। शिव आदियोगी हैं… शिव सत्य हैं, शिव सरल और भोले हैं। यह उद्गार राष्ट्रीय संत श्रीसरजूदासजी महाराज ने रामझरोखा कैलाशधाम में आयोजित शिव महोत्सव के दौरान व्यक्त किए। श्रीसरजूदासजी महाराज ने कहा कि देवों के देव महादेव अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं तो बड़े से बड़ा वरदान भी प्रदान कर देते हैं और हर संकट को पल में दूर कर देते हैं। जिनके चरणों में सभी ग्रह-नक्षत्र नतमस्तक रहते हैं वे शिव स्वयं जहर पीकर दूसरों को अमृत का पान करवाते हैं। महाशिवरात्रि पर रामझरोखा कैलाशधाम में बाबा नर्बदेश्वर का नौ बार रुद्राभिषेक किया गया।
सुबह 6 से 8 बजे तक, सुबह 9 से 11 बजे तक, दोपहर 1 से 2:30 बजे तक, दोपहर 3:30 से शाम 5:00 बजे तक, शाम 5:30 से शाम 7:00 बजे तक, रात्रि 10 से रात्रि 11:30 बजे तक, रात्रि 12 से रात्रि 1:30 बजे तक, रात्रि 2:00 से रात्रि 3:30 बजे तक, प्रात: 4:00 से सुबह 6:00 बजे तक रुद्राभिषेक किया गया। उक्त नौ बार अभिषेक में अलग-अलग यजमानों ने अभिषेक कर महादेव का अलग-अलग शृंगार किया। गुलाब के पुष्पों से, फलों से, सब्जियों से, हरियाली से विशेष शृंगार किया गया। इस दौरान विशेष रूप से गौशाला में नंदी की सेवा व पूजन किया गया।
