शेयर बाजार में हाहाकार : निवेशकों के 7.25 लाख करोड़ डूबे

शुरुआत हरे निशान से फिर दिनभर रहे लाल, ट्रम्प का पड़ौसी देशों पर व्यापार शुल्क लगाने की घोषणा बनी बड़ा कारण
कारोबार की शुरुआत हरे निशान में करने के बावजूद घरेलू शेयर बाजार मंगलवार (21 जनवरी) को बड़ी गिरावट लेकर बंद हुए। जोमैटो, अदाणी पोर्ट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा स्टील और भारती एयरटेल जैसे हैवी वेटेज स्टॉक्स में भारी बिकवाली ने बाजार को नीचे खींचा। भारत को लेकर डोनल्ड ट्रंप की योजनाओं पर अनिश्चितता की वजह से निवेशकों के मन डर है। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को लगभग 200 अंक चढ़कर 77,261 पर खुला। थोड़ी देर बाद में यह लाल निशान में फिसल गया था। कारोबार के दौरान यह 75,641 तक फिसल गया था। अंत में सेंसेक्स 1235 अंक यानि 1.60 प्रतिशत गिरकर 75,838.36 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी मजबूती के साथ खुला था। हालांकि, बाद में यह भी लाल निशान में फिसल गया। इंट्राडे ट्रेड में यह 22,976.85 तक फिसल गया था। अंत में निफ्टी 320 अंक यानि 1.37 प्रतिशत की बड़ी गिरावट लेकर 23,024.65 पर बंद हुआ।
गिरावट की वजह
रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, जोमैटो, एसबीआई और एचडीएफसी बैंक जैसे हैवी वेटेज वाले शेयरों में गिरावट की वजह से बाजार में गिरावट आई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के पड़ोसी देशों पर हायर ट्रेड टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद बाजार में भारी अस्थिरता आई। ट्रंप ने पदभार संभालने के कुछ ही घंटों के भीतर पड़ोसी देशों पर व्यापार शुल्क लगाने की योजना का ऐलान किया है। उन्होंने सोमवार को पदभार संभालने के तुरंत बाद कहा कि उनका प्रशासन 1 फरवरी से जल्द ही मैक्सिको और कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है। विदेशी निवेशक अक्टूबर, 2024 से भारतीय शेयर बाजारों से बिकवाली कर रहे हैं। जनवरी 2025 में अब तक 48,023 करोड़ रुपये की इक्विटी बेच चुके हैं। बाजार में आई गिरावट से निवेशकों को 7.25 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप सोमवार (21 जनवरी) को 7.25 लाख करोड़ रुपये घटकर 4,24,22,866 करोड़ रुपये रह गया।
