जीवन में सजग रहें, उदासीनता का त्याग करें : श्रीसुखदेवजी महाराज
बीकानेर। मनुष्य मात्र का धर्म है कि सजग रहे, उदासीनता का त्याग करें। प्रेम भक्ति बिना परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती। यह उद्गार गडिय़ाला स्थित नन्दनवन गौशाला में आयोजित श्रीमद्भागवत् कथा के दूसरे दिवस संत श्रीसुखदेवजी महाराज ने व्यक्त किए। श्रीसुखदेवजी महाराज ने ज्ञान, भक्ति और वैराग्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वैराग्य का मतलब घर छोडऩा नहीं, बल्कि इच्छाओं और मोह, लोभ और क्रोध का त्याग करना ही वैराग्य है। उन्होंने कहा कि एक नियम अपना लें कि सोने से पहले यह विचार जरूर करें कि आज मैंने क्या-क्या काम किए और जो काम किए क्या वे सही थे या गलत, सोते समय भगवान का स्मरण जरूर करें।
महाराजश्री ने धुंधली और धुंधकारी के प्रसंगों पर प्रकाश डालते हुए भागवत कथा के आयोजन का महत्व समझाया। नारद मुनि के संवाद तथा महाभारत के अश्वत्थामा संवाद का भी जिक्र किया, जिससे कथा में उपस्थित जनसमूह अत्यंत प्रभावित हुआ। श्रीमद्भागवतजी पोथी पूजन रामेश्वर भूतड़ा गडिय़ाला सरपंच, मोहनदान उज्ज्वल सदस्य पंचायत समिति कोलायत, युद्धवीर सिंह भाटी व घनश्याम रामावत (नाल) ने किया।
इन स्थानों पर है बस सुविधा- आयोजन से जुड़े घनश्याम रामावत ने बताया कि सुबह 9:30 बजे से पुलिस लाइन, रोशनी घर चौराहा, सेटेलाइट अस्पताल, जस्सूसर गेट, विश्वकर्मा गेट, डूडी पेट्रोल पम्प, नाल व गजनेर से बस सुविधा उपलब्ध रहेगी। बस की जानकारी हेतु 8769996789 पर सम्पर्क किया जा सकता है। रामावत ने बताया कि कथा का समय दोपहर 12 से 3 बजे तक रहता है। नन्दनवन गौशाला का वार्षिकोत्सव 14 जनवरी को प्रात: 11 मनाया जाएगा।