कर्जा चुकाने के लिए बेटे ने दिया नकली नोट छापने का आइडिया, बकरियों के सौदे में फंसे, ग्रामीणों ने दबोचा
जयपुर। कर्ज से छुटकारा पाने के लिए अपराध की राह पकड़े पिता-पुत्र को जयपुर की बगरु पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मामले की जांच कर रहे बगरू थाने के एसआई सुनील गोदारा ने बताया कि झोटवाड़ा की नानू कॉलोनी का रहने वाला सुरेंद्र सिंह नगीनों पर पोलिश का काम करता था। पड़ोसियों से विवाद के कारण सुरेंद्र ने नगीनों का काम बंद कर दिया। सुरेंद्र सिंह ने अपने 12वीं पास बेटे शिवम के साथ मिलकर ट्रांसफार्मर के पार्ट्स बनाने की फैक्ट्री लगा ली। इसके लिए करीब 40 लाख रुपए का लोन लिया था, लेकिन बिजनेस चला नहीं और घाटा होने लगा। कर्ज बढ़ता जा रहा था। सुरेंद्र सिंह ने कर्ज चुकाने के लिए पहले तो मकान बेचने का सोचा, लेकिन बेटे ने कर्ज चुकाने के लिए नकली नोट छापने का आइडिया दिया। शिवम ने यूट्यूब पर नकली नोट बनाने और छापने के 50 से अधिक वीडियो देखे। सुरेंद्र सिंह ने इस काम को अंजाम देने के लिए अपने एक साथी और झोटवाड़ा की जगन्नाथ पुरी कॉलोनी निवासी प्रेमचंद को भी शामिल कर लिया।
बाप-बेटे और प्रेमचंद ने झोटवाड़ा से करीब 15 हजार रुपए में एक कलर प्रिंटर खरीदा। नोट छापने के लिए कड़क पेपर के 10 बंडल भी खरीद लाए। उन्होंने घर के नजदीक ही खाली पड़े अपने प्लॉट में प्रिंटिंग का सेटअप तैयार किया। शिवम ने मात्र 500 रुपए के 8 नोटों से ही 95 लाख रुपए बना लिए थे। जांच अधिकारी सुनील गोदारा ने बताया कि शिवम ने टारगेट बनाया कि रोजाना 20 लाख रुपए के नकली नोट छापने हैं। सुरेंद्र, शिवम और प्रेमचंद ने अब नोट मार्केट में खपाने के लिए प्लान बनाया। पहले तो सामान्य बाजार में ही थोड़े-थोड़े कर नोट खपाने की साजिश थी। इसके लिए पिता-पुत्र ने ट्रायल किया और करीब तीन-चार नकली नोट खपाने में कामयाब रहे। लेकिन इतने नोट एक साथ चलने में लंबा वक्त और पकड़े जाने का रिस्क ज्यादा था। फिर नकली नोट से प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बनाया। यहां भी भेद खुलने का डर था। ऐसे में तीनों ने ग्रामीण इलाके में किसानों और पशुपालकों से नकली नोट देकर गाय-भैंस-बकरियां खरीदने का फाइनल प्लान बनाया। नोट खपाने के लिए सुरेंद्र, शिवम, प्रेमचंद और नाबालिग 15 अगस्त को बगरू के बेगस गांव में गए। वहां एक पशुपालक से 17 हजार के हिसाब से 82 बकरियों का सौदा किया।
बकरियां भरने के लिए नाबालिग और शिवम ने मिलकर पहले विश्वकर्मा इलाके से ट्रक लूटा। पशुपालक से सौदा फिक्स होने के बाद 82 बकरियां ट्रक में भरकर सुरेंद्र और प्रेमचंद रवाना हो गए। कुछ देर बाद ही शिवम और नाबालिग आरोपी ने नकली नोटों से भरा बैग पशुपालकों को थमाया और चलने लगे। तभी पशुपालकों ने उन्हें रोका और नोट गिनाने को कहा। शिवम और नाबालिग को नकली नोटों का भेद खुलने का डर था। शिवम ने सहमे-सहमे कुछ नोट गिने और फिर बैग छोड़कर भागने लगे। तभी ग्रामीणों ने दोनों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस दोनों ने थाने लाकर दोनों से पूछताछ की। यहां तक नकली नोट का भेद नहीं खुला था। पुलिस ने बकरियों से भरा ट्रक पकडऩे के लिए दौलतपुरा चौकी को वायरलेस किया। कुछ ही देर में पुलिस ने ट्रक को पकड़ लिया।