अब नहीं जाना पड़ेगा प्राइवेट लैब
राजस्थान के पांच शहरों में संचालित मेडिकल कॉलेजों में अगले वित्त वर्ष से एमआरआई की सुविधा शुरू होगी। राजस्थान मेडिकल एज्युकेशन सोसायटी (राजमेस) के अधीन संचालित इन मेडिकल कॉलेजों में एमआरआई की सुविधा नहीं है, जिसके कारण यहां भर्ती होने वाले मरीजों को एमआरआई करवाने प्राइवेट लैब या हॉस्पिटलों में जाना पड़ता है।
राज्य सरकार की ओर से पिछले साल से पूरे राज्य में सिटी स्कैन और एमआरआई की जांच भी फ्री कर दी है। इससे पहले सरकार इन जांचों के पैसे लेती थी। जिन कॉलेजों के हॉस्पिटल में ये सुविधा शुरू की जाएगी ये मेडिकल कॉलेज कुछ साल पहले ही शुरू किए गए है। इन कॉलेजों में धीरे-धीरे सुविधाएं बढऩे से यहां से दूसरे जिलों में मरीजों को रैफर करने की प्रक्रिया कम हो जाएगी। अभी छोटे-मोटे ऑपरेशन के लिए मरीजों को जयपुर, जोधपुर या उदयपुर के बड़े हॉस्पिटलों में रेफर किया जाता है।
इन जिलों में शुरू होगी सुविधा
राजमेस की ओर से पाली, भरतपुर, बाड़मेर, डूंगरपुर और चूरू के मेडिकल कॉलेज में एमआरआई मशीन की सुविधा शुरू की जाएगी। इसके लिए राजमेस की ओर से टेण्डर भी जारी कर दिए है। पीपीपी मोड पर लगने वाली इन मशीनों पर होने वाली जांच का पैसा राज्य सरकार देगी।