भारत की सबसे बड़ी मसाला कंपनियों के सैंपल हुए फेल, स्टॉक होगा सीज
जयपुर। एमडीएच, एवरेस्ट समेत पांच कंपनियों के मसालों के सैंपल फेल हो गए हैं। इन मसालों मे कीटनाशक जरूरत से ज्यादा मात्रा में मिला है। दरअसल, राजस्थान स्वास्थ्य विभाग की ओर से 8 मई को इन कंपनियों के मसालों के सैंपल लिए गए थे। इनकी रिपोर्ट फेल होने के बाद विभाग ने मसालों के स्टॉक को सीज करने का निर्णय किया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया- राजस्थान के सभी जिलों से मसालों के सैंपल लेने के लिए 8 मई को विशेष अभियान चलाया था। इस अभियान के तहत नामी कंपनियों के कुल 93 नमूने लिए थे। राज्य की सेंट्रल लैब से आई जांच रिपोर्ट में इन मसालों में पेस्टीसाइड और इंसेक्टिसाइड (कीटनाशक) की मात्रा काफी अधिक पाई गई। एसीएस ने बताया- राज्य के सभी अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखकर अनसेफ पाए गए मसालों को सीज करने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही एमडीएच मसालों की फैक्ट्री हरियाणा, एवरेस्ट और गजानंद मसालों की फैक्ट्री गुजरात में होने के कारण वहां के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। नई दिल्ली स्थित भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भी इन मामलों में कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। खाद्य सुरक्षा आयुक्त इकबाल खान ने बताया- जांच में एमडीएच, एवरेस्ट, गजानंद, श्याम, शीबा ताजा जैसी नामी कंपनियों के मसाले अनसेफ पाए गए हैं। एमडीएच कंपनी के गरम मसाले में एसिटामिप्रिड, थियामेथोक्साम, इमिडाक्लोप्रिड मिले हैं। सब्जी मसाला और चना मसाला में ट्राईसाइलाजोन, प्रोफिनोफोस मिले हैं। श्याम कंपनी के गरम मसाला में एसिटामिप्रिड, शीबा ताजा कंपनी के रायता मसाला में थियामेथोक्साम और एसिटामिप्रिड, गजानंद कंपनी के अचार मसाला में इथियोन और एवरेस्ट कंपनी के जीरा मसाला में एजोक्सीस्ट्रोबिन, थियामेथोक्साम पेस्टीसाइड/इंसेक्टिसाइड निर्धारित मात्रा से काफी अधिक पाए गए। जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं।
खान ने बताया- इन कंपनियों के अन्य मसालों और अन्य बैचों के भी नमूने लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इन ब्रांड के मसालों के संबंधित लॉट या बैच को निर्माता, सी एंड एफ, डिस्ट्रीब्यूटर और हॉलसेलर के यहां से तत्काल प्रभाव से सीज किए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इन ब्रांड के अन्य मसालों और मसाला पाउडर के सैंपल लेने के भी निर्देश दिए हैं।
मसाला बनाने वाली कंपनियां एथिलीन ऑक्साइड सहित अन्य कीटनाशकों का उपयोग ई. कोली और साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया और फंगस से फूड आइटम्स को खराब होने से बचाने के लिए करती हैं, क्योंकि इन बैक्टीरिया के संपर्क में आने से मसालों की शेल्फ लाइफ बहुत छोटी हो सकती है। इन्हें लंबे समय तक खराब होने से बचाने पर रोक के बावजूद ये कंपनियां कीटनाशकों को प्रिजर्वेटिव या स्टेरलाइजिंग एजेंट की तरह इस्तेमाल कर रही हैं।