3 साल से पहले नहीं होगा तबादला
केंद्र सरकार की तर्ज पर अब राज्य सरकार भी कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी बनाने जा रही है। सरकार ने इसके लिए एक कॉमन एसओपी जारी की है, जिसे सभी विभागों को भिजवाया है। विभाग के एचओडी अपने अधिकारियों से चर्चा करके जरूरत के अनुसार एसओपी में अपने सुझाव शामिल करेंगे। सरकार ने जो कॉमन एसओपी जारी की है, उसके तहत किसी भी कर्मचारी का 3 साल से पहले तबादला नहीं किया जाएगा। हर कर्मचारी को अपनी सर्विस में कम से कम 2 साल ग्रामीण क्षेत्र में नौकरी करनी होगी। राज्य में तबादलों को लेकर हर बार विवाद होता है। भाजपा की वसुंधरा सरकार (2013-2018) में तत्कालीन मंत्री गुलाब चंद कटारिया की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने भी तबादला नीति का ड्राफ्ट बनाया था, लेकिन विधायकों की डिजायर के बोझ तले तबादला नीति लागू नहीं हो पाई।
भजनलाल सरकार के आने के बाद फरवरी में जब तबादलों से रोक हटाई तो बड़ी संख्या में विभागों से लिस्ट जारी हुई, लेकिन उन लिस्ट पर विवाद शुरू हो गया। कई कर्मचारियों ने विभाग के ट्रांसफर के फैसले को कोर्ट में चुनौती देते हुए स्टे ले लिया या आदेश ही निरस्त करवा दिया। इसके अलावा तबादलों को लेकर बड़ी संख्या में आती डिजायर, ग्रेड थर्ड टीचर, डार्क जोन में लगे कर्मचारियों के लंबे समय से तबादले नहीं होने से भी ट्रांसफर पॉलिसी बनाने की मांग की जा रही थी। प्रशासनिक सुधार एवं समन्वयक विभाग की ओर से जारी कॉमन एसओपी में सभी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के ट्रांसफर करने से पहले ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे।
आवेदन में कर्मचारी या अधिकारी खाली पद पर अपनी इच्छा अनुसार ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेगा। इस आवेदन के बाद संबंधित विभाग की एक टीम उन कर्मचारियों की काउंसलिंग करेगी। काउंसलिंग के लिए दिव्यांग, विधवा, एकल महिला, भूतपूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाड़ी, पति-पत्नी प्रकरण और असाध्य रोग से पीडि़त, शहीद के आश्रित सदस्य, डार्क जोन या दूरस्थ स्थानों पर नियम अवधि तक कार्यरत कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी।