महावारुणी योग शनिवार को…करें ये कार्य
वारुणेन समायुक्ता मधु (चैत्र) कृष्ण त्रयोदशी। गंगायां यदि लभ्येत् सूर्यग्रहशतै: समा।। शनिवार समायुक्ता सामहावारुणी स्मृता। शुभयोगसमायुक्ता शनौ शतभीषायदि।। महामहेति विख्यात। त्रिकोटिकुलमुद्धरेत्।
चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन यदि शतभिषा नक्षत्र हो तो वारुणी योग जानना। इस योग में गंगा स्नान किया जाए तो 100 सूर्य ग्रहण के स्नान के बराबर फल मिलता है। यदि इसी तिथि में शनिवार शतभिषा एवं शुभ योग हो तो महावारुणी योग बनता है। इन योगों में हवन स्नान दान पुण्यादि कर्म करने से तीन कोटि कुल का उद्धार होता है।
6 अप्रेल 2024 शनिवार का पंचांग एवं मुहुर्त
संवत् 2080, शाके 1945, माह : चैत्र
तिथि- द्वादशी-त्रयोदशी (प्रदोष व्रत), पक्ष- कृष्ण, नक्षत्र- शतभिष
योग- शुक्ल करण- तैतुल गर चंद्र राशि- कुम्भ सूर्य राशि- मीन
सूर्योदय 6:21 बजे, सूर्यास्त 6:50 बजे
राहुकाल : सुबह 9:31 से सुबह 11:05 बजे तक
अभिजीत : दोपहर 12:14 से दोपहर 1:04 बजे तक
शुभ समय : सुबह 7:57 से सुबह 9:30 बजे तक
दोपहर 2:13 से शाम 5:22 बजे तक