महाशिवरात्रि : सर्वार्थ सिद्धि योग, शिवयोग व श्रवण नक्षत्र में पूजा करने से भोलेनाथ की बरसेगी कृपा
सुख, संतान व हर प्रकार की मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान् शिव को करें प्रसन्न
बीकानेर। महाशिवरात्रि का पावन पर्व 8 मार्च शुक्रवार के दिन मनाया जायेगा। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करके सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं। इस दिन शिवभक्त व्रत रखकर भगवान शिव का जलाभिषेक, पृथक-पृथक अभिषेक, जागरण करें। सुहागन स्त्रियां अपने सौभाग्य की वृद्धि के लिए, अविवाहित लड़कियाँ सुयोग्य एवं मनपसंद जीवन साथी की प्राप्ति के लिए शिव की पूजा अर्चना करती हैं। इस दिन महादेव और माता पार्वती की पूजा शुभ काल के दौरान करनी चाहिए। भगवान शिव की पूजा करते वक्त बिल्वपत्र, शहद, दूध, दही, घी, शक्कर और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए। पंडित गिरधारी सूरा ने बताया कि वर्ष 2024 में शिव का प्रिय महाशिवरात्रि व्रत 8 मार्च, शुक्रवार को मनाया जा रहा है। इस दिन त्रयोदशी रात्रि 9 बजकर 58 मिनट तक है।
इसके बाद चतुर्दशी प्रारंभ हो जाएगी जो दूसरे दिन शाम 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। ऐसी स्थिति में शुक्रवार को ही शिवरात्रि व्रत किया जाना शास्त्र सम्मत है। ज्योतिर्विद पं. गिरधारी सूरा पुरोहित ने बताया कि विशेष योग बनने के कारण यह महाशिवरात्रि शिव भक्तों के लिए विशेष फलदायी रहेगी। इस बार महाशिवरात्रि पर करीब सैकड़ों वर्षों बाद सर्वार्थ सिद्धि योग, शिवयोग और श्रवण नक्षत्र होने जा रहा है। इन योगों के होने से इस दिन की गई पूजा विशेष फलदायी रहेगी। महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन के कई तरह के पापों से मुक्त हो जाता है। धर्म अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। चार प्रहर की पूजा प्रदोषकाल से शुरू होकर अगले दिन सुबह तक की जाती है। प्रथम प्रहर में दूध, द्वितीय प्रहर में दही से, तीसरे प्रहर में घी से व चौथे प्रहर में शहद और पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए।
चार प्रहर की पूजा का समय
रात्रि प्रथम प्रहर पूजन समय- 08.15 पीएम से 10:15 पीएम
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजन समय- 10:15 पीएम से 12:15 एएम तक।
रात्रि तृतीय प्रहर पूजन समय- 12:15 एएम से 02:15 एएम तक।
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजन समय- 02:15 एएम से 04:15 एएम तक।