ऊभाणै पगां मोट्यार पहुंचया खाजूवाला, हुयो सांतरो सुआगत सुदेश बताई भासा री पीड़
किसी भी राष्ट्र को विश्व मे अपनी अलग पहचान बनाने तथा विकसित राष्ट्र की श्रेणी में लाने हेतु वहां की सभ्यता संस्कृति का महत्वपूर्ण योगदान होता है संस्कारो के सरोकार में भाषा अहम भूमिका निभाती है इसी तरह विश्व में अपनी अलग पहचान रखने वाली तथा विश्व के सबसे बड़े शब्दकोश को समाहित करने वाली भाषा राजस्थानी को अपना मान सम्मान दिलाने तथा प्रत्येक राजस्थानी को अपने आपको गौरवान्वित करवाने के लिए उभाणे पगा जागरूकता कार्यक्रम राजस्थानी मोट्यार परिसद, बीकानेर के तत्वाधान में पूरे बीकानेर संभाग में निकाली जा रही यात्रा का खाजूवाला में विवेकानंद इंग्लिश सीनियर सेकेडंरी स्कूल तथा व्यापार मंडल खाजूवाला की अगुवाई में प्रदीप भाम्भू एवं मोहन सियाग के नेतृत्व में बी एस एफ ग्राउंड खाजूवाला में भव्य स्वागत सत्कार किया गया।
हजारों भाषा हितैषियों को संबोधित करते हुए नंगे पांव चलने वाले सुदेश राजस्थानी ने बताया कि वर्षों पुरानी भाषा राजस्थान का गौरव राजस्थानी भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नही करना समस्त नागरिकों का अपमान है ।
मदन दासोड़ी ने कहा कि राजस्थानी भाषा को उसका मान सम्मान दिलाने के लिए राजस्थानी मोट्यार परिसद ओर यात्रा के कर्णधारों के सहयोग और समर्पण की भावना से इस लड़ाई को ओर बल मिलेगा। राजुनाथ ने कहा कि अभी हमारा लक्ष्य एक लाख हस्ताक्षर करवाना है और हम सबकी भावनाओ की कद्र सरकार को करनी चाहिए। यात्रा संयोजक रामावतार उपाध्याय ने यात्रा के बारे में विचार रखते हुए कहा कि इक्यावन गांवों में जन जागरूकता से राजस्थानी भाषा के महत्व को आमजन तक पहुंचाया जा सकेगा इसलिए इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है।
पंचायत समिति डायरेक्टर दिलीप जलंधरा, एडवोकेट भूपेंद्र सिंह,इंद्राज साई, रणजीत मजोका, पुरुषोत्तम सारस्वत,बाबू भाई, हनीफ नागौरी, सोनू सोनी , लालूराम बिस्सू,रतनसिंह कछावा ,दलीप नोखवाल, पी टी आई विजय आदि ने विशाल सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको अपनी मायड़ भाषा के प्रति कर्तव्य निर्वहन में सदैव अग्रिम रहना चाईये, हम सबके सहयोग से ही अपनी मायड़ का भला होगा। इससे पूर्व यात्रा का स्वागत करते हुए प्रदीप भाम्भू ओर मोहन सियाग ने पूरी टीम का अभिनंदन किया। भामाशाह धनराज बंसल ने यात्रा के सदस्यों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सबका सम्मान किया। मोट्यार परिषद के सदस्यों देवकिशन उपाध्याय, पंकज जैन,सुनील पंचारिया,रणजीत उपाध्याय, एड.हिमांशु टाक, राजेश चौधरी, कमल किशोर मारू, प्रशान्त जैन, एड.राजेश बिश्नोई, हुकमाराम,अमिताभ,महेन्द राव आदि भाषा प्रेमियों का सक्रिय योगदान रहा।