67 बच्चों को नशे से मुक्त करवाया, नुक्कड़ नाटकों से करती हैं जागरुकता का संचार
एसपी तेजस्वनी ने संभाली बीकानेर की कमान, अलवर से विदाई पर हुईं भावुक
पवन भोजक
बीकानेर। बीकानेर में दूसरी महिला एसपी तेजस्विनी गौतम ने ज्वाइनिंग कर ली है। तेजस्वनी गौतम अलवर की 53वीं पुलिस अधीक्षक के रूप में 6 जुलाई 2020 से सेवाएं दे रही थीं। खास बात यह है कि अलवर पुलिस के जवानों ने एसपी गौतम को शानदार विदाई दी है उनकी कार को दुल्हन की तरह सजाया। एसपी गौतम इससे पहले अलवर, चूरू व बांसवाड़ा में पुलिस अधीक्षक रही चुकी हैं। सक्रियता की बात करें तो कई मामलों में थानाधिकारियों से पहले ही एसपी गौतम पहुंच जाती है।
20 वर्षों से थियेटर से जुड़ी हैं गौतम, कोरोना में 17 कैटेगरी प्रतियोगिता का किया था आयोजन
आईपीएस तेजस्विनी गौतम को थियेटर का काफी शौक है। 20 साल से थियेटर से जुड़ी हैं। यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2013 पास करके भारतीय पुलिस सेवा की अफसर बनने के बाद भी थियेटर नहीं छोड़ा। फर्क बस इतना है कि अब नुक्कड़ नाटकों के जरिए लोगों को पुलिसिंग व कानून की पेचिदगियां भी बताने लगी हैं। खास बात यह है कि अजमेर में प्रेरणा नामक संस्था से जुड़कर नुक्कड़ नाटक के जरिए 67 बच्चों को नशा मुक्त करवाया। कोरोना के दौरान तेजस्वनी गौतम चूरू में एसपी थीं। तब इन्होंने सोशल मीडिया के 17 कैटेगरी में प्रतियोगिताएं रखीं ताकि लॉकडाउन में अधिक से अधिक लोग अपने घरों में रह सकें।
टॉपर व गोल्डमेडलिस्ट तेजस्वनी
आईपीएस अधिकारी तेजस्वनी गौतम मूलरूप से दिल्ली निवासी हैं। 16 जून 1989 को जन्मी तेजस्विनी ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस से बीए किया और लॉ की डिग्री हासिल कर रखी है। दिल्ली विवि की टॉपर व गोल्ड मेडलिस्ट गौतम ने 2013 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली।
फेसबुक प्रोफाइल पर विदाई की भावनाएं…
बीकानेर रवानगी से पहले आईपीएस तेजस्विनी गौतम ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर लिखा कि …और शायद अलवर का साथ यहीं तक था। कभी कभी ऐसा लगता है की भावनाओं को समझा पाने के लिए शब्दकोश में शब्द नही मिल रहे हैं। आज अभी सुबह जब अलवर एसपी रेजिडेंस सेवा सदन से संभवत: आखिरी बार निकली तो ऐसा लगा की घर छूट गया। सरकारी नौकरी में ट्रांसफर एक प्रक्रिया है और ऐसा पहले भी हुआ है, पर आज अलग था। जितना सोचती थी उससे कहीं ज्यादा अलवर दिल में घर कर गया है। कभी आराम से जब भावनाओं का सैलाब शांत हो जाएगा तब अलवर के बारे में भी लिखूंगी, आज बस इतना की आंखें नम हैं और मेरी टीम से मिला स्नेह अपार। धन्यवाद अलवर