21 दिनों नंगे पांव जागरुकता अभियान चलाएंगे मोट्यार, पोस्टर का किया विमोचन
बीकानेर। राजस्थानी भाषा की मान्यता व भाषाई महत्व को दर्शाने के लिए राजस्थानी मोटयार परिषद के पदाधिकारियों द्वारा बीकानेर संभाग के गांवों में 21 दिनों तक नंगे पांवों से भ्रमण कर राजस्थानी भाषा की जागरूकता व केंद्र सरकार से राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग हेतु कार्यक्रम चलाया जाएगा जो कि गुरुवार को 12 बजे गोकुल सर्किल से रवाना होगी।
जागरूकता कार्यक्रम के सुदेश राजस्थानी ने बताया कि हजारों वर्षों प्राचीन मातृभाषा राजस्थानी को अपना हक दिलवाने के लिए जागरूकता यात्रा की जाएगी।
इसका उद्देश्य भाषा के मान को बढ़ाना तथा आमजन को इससे होने वाले फायदे के बारे में बताना है। यात्रा में 21 दिनों तक साथ चलने वालों में प्रशांत जैन, मदन दासोड़ी, राजू नाथ भी रहेंगे। मोट्यार परिसद के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ गौरीशंकर प्रजापत, डॉ हरिराम बिश्नोई, डॉ नमामि शंकर आचार्य ने बताया कि एक तरफ तो केंद्र सरकार प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में देनी की पक्षधर है वहीं राजस्थान में इसमें दोहरा रवैया निभाना सरकार की हठधर्मिता को दर्शाता है। बुधवार को इस कार्यक्रम का पोस्टर विमोचन किया गया जिसमें करणी उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य शक्तिप्रसन्न बीठू व गट्टानी विद्यालय नोखा के प्राचार्य प्रेमदान के साथ मोट्यार परिषद की टीम उपस्थित रही। इस यात्रा के सहयोगी के रूप में राजस्थानी मोट्यार परिसद बीकानेर के साथी रामावतार शर्मा, राजेश चौधरी, अधिवक्ता हिमांशु टाक, कमलकिशोर मारू, अधिवक्ता राजेश बिश्नोई, सुमन शेखावत आदि शामिल होंगे।