14 दिनों में निजी अस्पतलों को हुआ करोड़ों का नुकसान
राइट-टू हेल्थ बिल के विरोध में आंदोलन कर रहे निजी चिकित्सकों का कार्य बहिष्कार व हड़ताल जारी है। निजी चिकित्सकों की मांगों के समर्थन में जिले में सेवारत चिकित्सक भी आगे आ रहे है। करीब 14 दिन से निजी अस्पतालों के चिकित्सक राइट-टू हेल्थ बिल के विरोध सरकार के खिलाफ रोष जता रहे है।
इण्डियन मेडिकल एसोएिशन(आईएमए)से मिली जानकारी के अनुसार राइट-टू-हेल्थ बिल के विरोध में छोटे-बड़े निजी चिकित्सालयों को पिछले 14 दिन में करोड़ों का नुकसान हो गया है। हड़ताल से निजी अस्पतालों के बंद होने के कारण मरीज जिला अस्पतालों में जा रहे है।
सरकारी अस्पताल में ओपीडी का आंकड़ा बढ़ रहा है। रोगियों व उनके तीमारदारों को पर्ची व दवा काउंटर के साथ चिकित्सक कक्ष में भी उपचार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। दवा कांउटर पर मरीजों की लम्बी-लम्बी कई कतार नजर आ रही है।