राजस्थान में 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड

जयपुर। जयपुर सेंट्रल जेल से डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को धमकी भरे कॉल के बाद राजस्थान के तीन जेलों के 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है। केंद्रीय कारागृह जयपुर के उपाधीक्षक इन्द्र कुमार का ट्रांसफर कर जिला कारागृह सीकर भेजा गया है। बंदियों के धमकी भरे कॉल करने को लेकर जेलों में मोबाइल की सख्ती को लेकर कार्रवाई की गई है। जयपुर सेंट्रल जेल से 27 मार्च को डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को धमकी भरे कॉल मामले में कारापाल भंवर सिंह, उप कारापाल रमेश चन्द, मुख्य प्रहरी विरेंद्र सिंह भाटी, प्रहरी चन्द्रपाल और सुरेन्द्र सिंह को निलंबित किया गया है। इनका मुख्यालय केंद्रीय कारागृह भरतपुर रखा गया है। केंद्रीय कारागृह जयपुर के उपाधीक्षक इन्द्र कुमार को जिला कारागृह सीकर भेजा गया है। प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए उप महानिरीक्षक कारागार रेंज जयपुर को निर्देशित किया गया है। सेंट्रल जेल जोधपुर में 23 मार्च को हुई घटना में कारापाल रामचन्द्र और मुख्य प्रहरी चैनदान चारण को निलंबित किया गया है। मुख्यालय महानिदेशालय कारागार जयपुर रखा गया है।
संपूर्ण मामले की विस्तृत जांच के लिए महानिरीक्षक कारागार को निर्देशित किया गया है। सेंट्रल जेल बीकानेर में हुई 28 मार्च को घटना में उप कारापाल जयसिंह, मुख्य प्रहरी विजय पाल, प्रहरी जगदीश प्रसाद और अनिल मीणा को निलंबित किया गया है। इनका मुख्यालय सेंट्रल जेल श्रीगंगानगर रखा गया है। मामले की सम्पूर्ण जांच जिला कारागृह झुंझुनूं के अधीक्षक प्रमोद सिंह को सौंपी गई है। सभी जेल प्रभारी लगातार अग्रिम आदेश तक स्वयं की मौजदूगी में सघन तलाशी लेंगे। जेल में मोबाइल, सिम इत्यादि प्रतिबंधित सामग्री नहीं होना सुनिश्चित करेंगे। मोबाइल, सिम इत्यादि प्रतिबंधित वस्तुओं के संचालन का यूज करने वाले संदिग्ध बंदियों की पहचान कर अलग से वार्ड बनाकर निगरानी रखेंगे। ऐसे बंदियों के दूरस्थ स्थान पर स्थानान्तरण के लिए प्रस्ताव मुख्यालय कारागार को भिजवाए जाएंगे। सभी जेल प्रभारी सिक्योरिटी इंस्टूमेंट्स (सीसीटीवी, एलएनजेडी, बैगेज स्कैनर) तुरंत सही करवाए। आज के बाद से प्रतिबंधित सामग्री मिलने को गंभीर लापरवाही माना जाएगा, इसके लिए जेल प्रभारी जिम्मेदार होंगे।
